अब नहीं फटेंगे मकान, हो गया इंतजाम
अंग्रेजों के जमाने में डाली गई पाइप लाइन के जर्जर होने पर जो पानी का रिसाव लोगों के घरों की नींव को कमजोर कर ढहा रहा था, उसे नगर निगम ने बंद करवा दिया है।
जागरण संवाददाता, मथुरा: टीले पर बसी शहर की बड़ी आबादी की जान पर से खतरा टल गया है। अंग्रेजों के जमाने में डाली गई पाइप लाइन के जर्जर होने पर जो पानी का रिसाव लोगों के घरों की नींव को कमजोर कर ढहा रहा था, उसे नगर निगम ने बंद करवा दिया है। अब ओपन पाइप लाइन डाली जा रही है, इससे लोगों के घरों में पानी पहुंचाया जा रहा है। प्रयोग गजा पाइसा में शुरू हो गया है, सफल रहा तो शहर के बाकी हिस्सों में भी इसी को अपनाया जाएगा।
मंडी रामदास, चौबिया पाड़ा, गजा पाइसा, शीतला घाटी, बजरिया, चूना कंकड़, सतघड़ा आदि इलाके टीले पर बसे हुए हैं। यहां बने मकान भी करीब दो-ढाई सौ साल पुराने हैं जबकि कुछ 50 से सौ साल के बीच जीर्णोद्धार कर बनाए गए हैं। घनी आबादी, संकरी गलियों के इस इलाके में लोगों को पानी पहुंचाने के लिए अंग्रेजों के जमाने में पाइप लाइन डाली गई थी। इसे बाद में गोकुल बैराज से आने वाली पेयजल सप्लाई से जोड़ दिया गया था। यह पाइप लाइप पुरानी होने के साथ ही जगह-जगह से जर्जर हो गई है। साथ ही लोगों ने पाइप लाइन के कनेक्शन लिए, उसके चोक हो जाने पर दूसरा कनेक्शन तो ले लिया पर पहली पाइप लाइन को बंद नहीं कराया, ऐसे में पानी लोगों के मकानों की नींव में भरता चला गया।
अब हालात यह हैं कि शीतला घाटी, गजा पाइसा, चौबिया पाड़ा, शंकर गली, आदि इलाकों में आए दिन मकान फट रहे हैं। चूने के बने यह मकान कब गिर जाएं पता नहीं। गत दिनों जागरण आपके द्वार में यह समस्या उठाई। इसके बाद पार्षद नीलम गोयल सचेत हुईं और प्रयास का नतीजा रहा कि जलकल विभाग ने यहां ओपन पाइप लाइन डालनी शुरू कर दी है। इसी से लोगों को पानी के कनेक्शन दिए जा रहे हैं।
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टीले पर बसे क्षेत्र में मकान फटने की समस्या सिरदर्द बन चुकी थी, आए दिन लोग घर को घेर लेते थे, अब समस्या का स्थाई समाधान करा दिया गया है। गोकुल बैराज की पाइप लाइन को बंद करा दिया गया है, ओपन पाइप लाइन डलवाई जा रही है।
नीलम गोयल, पार्षद, वार्ड 59