Move to Jagran APP

सांस थमते ही संवेदनहीन हुआ अस्पताल

मृत बेटी को वार्ड से खुद ही स्ट्रेचर पर बाहर लाए परिजन, नहीं मिल पाया शव वाहन, किराए के वाहन से ले गए शव

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 12:13 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 12:13 AM (IST)
सांस थमते ही संवेदनहीन हुआ अस्पताल
सांस थमते ही संवेदनहीन हुआ अस्पताल

जागरण संवाददाता, मथुरा: सोमवार को एक युवती की सांस थमते ही जिला अस्पताल संवेदनहीन हो गया। परिजन खुद ही स्ट्रेचर ढूंढ़ कर लाए और शव को वार्ड से बाहर लाए। इतना ही नहीं, इन्हें शव वाहन भी उपलब्ध न हो सका।

loksabha election banner

अलीगढ़ सुनामई निवासी 21 वर्षीय डॉली को गंभीर बीमारी के कारण जिला अस्पताल इमरजेंसी में भर्ती कराया था। सोमवार सुबह डॉली की मौत हो गई। डॉली के पिता महावीर और उसकी बहन नीतू ने शव वाहन की गुहार की। लेकिन, किसी ने नहीं सुनी। चिकित्साकर्मियों की बेरुखी देख परिजन ही बाहर से स्ट्रेचर लाए और डॉली के शव को लेकर वार्ड से बाहर आए। इसके बाद गांव जाने के लिए किराए का वाहन लिया। परिजनो ने ही शव को वाहन तक पहुंचाया। नियम तो ये है

जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु होने पर म़ृतक के परिजनों की मांग पर निश्शुल्क शव वाहन से मृतक को घर तक पहुंचाने का प्रावधान है। इस मामले में सीएमएस डॉ. वीके गुप्ता ने कहा कि शव वाहन के लिए ड्राइवर नहीं है। हालांकि ड्राइवर की मांग शासन से की जा चुकी है। अगर, मृतक के परिजन संपर्क करते, तो ड्राइवर की व्यवस्था कर शव को उनके घर तक पहुंचाया जाता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.