राधा नाम की रसधारा में डूबे ब्रजयात्री
ब्रज चौरासी कोस राधारानी ब्रज यात्रा में शामिल परिक्रमार्थी आस्था के समंदर में गोते लगा रहे हैं। तीसरे दिन परिक्रमार्थियों ने बरसाना क्षेत्र का भ्रमण किया। परिक्रमा के दौरान राधा नाम की रसधारा बह रही है।
संवाद सूत्र, बरसाना : ब्रज चौरासी कोस राधारानी ब्रज यात्रा में शामिल परिक्रमार्थी आस्था के समंदर में गोते लगा रहे हैं। तीसरे दिन परिक्रमार्थियों ने बरसाना क्षेत्र का भ्रमण किया। परिक्रमा के दौरान राधा नाम की रसधारा बह रही है।
ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा के सानिध्य में 25 अक्टूबर से शुरू हुई ब्रज चौरासी कोस राधारानी ब्रजयात्रा ने मंगलवार को बरसाना क्षेत्र का भ्रमण किया। प्रिया कुंड, ऊंचागांव, ब्रजेश्वर महादेव, पाडर वन, रावल वन, करहला, कमई आदि स्थलों का भ्रमण करते हुए पिसावा गांव स्थित पड़ाव स्थल पर पहुंची। श्रद्धालु राधाकृष्ण की लीला स्थलों के दर्शन कर अपने को कृतार्थ मान रहे हैं। जुबां पर राधे-राधे नाम की रट लागते हुए श्रद्धालुओं आगे बढ़ रहे हैं। ढोल, झांझ की थाप पर मान मंदिर की बालिकाएं नृत्य करती चल रही हैं। राधाकांत शास्त्री ने कहा कि संसार में जीव, माया, भगवान तीनों अमर हैं। जीव व माया परम ब्रह्म के आधीन हैं, लेकिन परम ब्रह्म भगवान अपने जीव के विशुद्ध प्रेम के आधीन होते हैं। ब्रजयात्रा के दौरान सुबह से शाम तक हरिनाम का संकीर्तन चलता रहता है।