पानी-मिट्टी रोककर होगा गिरिराज पर्वत का हरित श्रृंगार
गिरिराज परिक्रमा मार्ग का उच्चाधिकारियों ने किया निरीक्षण
गोवर्धन, जासं। गोवर्धन पर्वत पर ही बारिश का पानी रोकने का प्रयास होगा, जिससे हरियाली को जीवन मिले। पर्वत के चारों ओर तार फें¨सग और ऊपर लगे वृक्षों को संरक्षित किया जाएगा। वन व कुंडों का विकास होगा व श्रद्धालुओं को सहूलियतें दी जाएंगी। योजना को मूर्त रूप देने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद और वन विभाग के अधिकारियों ने रविवार को सात कोस परिक्रमा मार्ग का निरीक्षण किया।
इस मौके पर प्रमुख वन संरक्षक पवन कुमार ने बताया कि पर्वत के ऊपर वन संरक्षित करने का प्रयास है। पर्वत पर बारिश के पानी को रोका जाएगा, जिससे मिट्टी भी रुकेगी और नमी मिलने से पौधों को जीवन मिलेगा। कुसुम सरोवर के बाग में गुलाब के साथ विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। पर्वतराज के संरक्षण को तार फें¨सग की अनुमति दी जाएगी।
परिषद के कार्यकारी अधिकारी व विप्रा उपाध्यक्ष नागेंद्र प्रताप ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय से विकास को मिली 39 करोड़ की राशि से सूर कुटी, चंद्र सरोवर, मानसी गंगा पर चें¨जग रूम, पार्किंग स्थल तथा गुलाब बाग का विकास कराने की योजना तैयार की है।
निरीक्षण में अपर प्रधान वन संरक्षक आगरा एके ¨सह, वन संरक्षक जावेद अख्तर, मुख्य वन संरक्षक लखनऊ से आए नरेश कुमार जानू, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक विभाष रंजन, वन क्षेत्राधिकारी डीपी ¨सह, वन विभाग के ब्रजेश ¨सह, आर्केटिेक्ट मयंक गर्ग, एके जैन, उज्ज्वल ब्रज के कुलदीप दीक्षित व हितेश भारद्वाज आदि मौजूद रहे। दो गाड़ियों पर दस हजार का चालान
गोवर्धन: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर सात कोस परिक्रमा मार्ग नो व्हीकल जोन घोषित है। निरीक्षण के दौरान रास्ते में दो चौपहिया वाहन खड़े मिले। वन क्षेत्राधिकारी डीपी ¨सह ने बताया कि आरक्षित वन भूमि पर खड़े दो वाहनों का पांच-पांच हजार रुपये का चालान काटा गया है।