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सनातन धर्म का संरक्षण, संवर्धन मलूक पीठ का लक्ष्य: राजेंद्रदास

मलूक पीठाधीश्वर संत राजेंद्रदास ने आश्रम के शिष्य दीनबंधु दास के खिलाफ हुए दर्ज मामले पर जवाब देते हुए कहा दीनबंधु दास आश्रम के ही शिष्य है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 06:56 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 06:56 AM (IST)
सनातन धर्म का संरक्षण, संवर्धन मलूक पीठ का लक्ष्य: राजेंद्रदास

संस, वृंदावन: मलूकपीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्रदास ने कहा भारत में सनातन धर्म परंपरा को क्षत-विक्षत करने का जो षड्यंत्र रचा जा रहा है, उसका विरोध मलूक पीठ सेवा संस्थान द्वारा मजबूती से किया जाएगा। यही नहीं, उसका यथोचित जवाब भी दिया जाएगा।

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वंशीवट स्थित मलूकपीठ पर गुरुवार को मलूक पीठाधीश्वर संत राजेंद्रदास ने आश्रम के शिष्य दीनबंधु दास के खिलाफ हुए दर्ज मामले पर जवाब देते हुए कहा दीनबंधु दास आश्रम के ही शिष्य है। इसमें कोई भी संदेह नहीं। बताया विगत लगभग एक वर्ष पूर्व ही दीनबंधु दास ने अन्यत्र अपना निवास स्थान बना लिया था और वे वहीं पर निवास भी करते थे। इस दौरान उनका यदा कदा आश्रम आना-जाना लगा रहता था। यदि उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कोई अपराध हुआ है तो इसके लिए मलूक पीठ अपना गंभीर विरोध दर्ज करता है। बताया कि दीनबंधु दास के खिलाफ किसी भी जांच में संस्थान द्वारा पुलिस अथवा संबंधित किसी भी जांच एजेंसी का पूर्ण सहयोग किया जाएगा। वराह घाट पीठ के महंत राम प्रवेश दास ने कहा मलूक पीठ सेवा संस्थान हमेशा धर्म व समाज हित में तत्पर रहा है। यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा उसके निजी तौर पर दोषी पाए जाने अथवा आरोप लगने पर यदि समस्त मलूक पीठ सेवा संस्थान पर सवाल उठाया जाता है, तो यह कतई गलत और असहनीय होगा, जिसका समस्त संत समाज द्वारा मुखर होकर विरोध किया जाएगा। रसिक माधव दास, गंगा दास, गोपेश कृष्णा दास, मदन मोहन दास, अशोक नारायण दास मौजूद रहे।


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