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मथुरा की लैब में कोरोना टेस्ट सफल, हरी झंडी का इंतजार

आइसीएमआर को भेजे परिणाम केजीएमयू लखनऊ की टीम आज देखेगी लैब राहत की बात जल्द ही पोर्टल पर आ जाएगा मथुरा की लैब का नाम मिलने लगेंगे कोविड-19 के जांच को सैंपल अभी लैब में आरएनए अलग करने वाली ऑटोमेटिक मशीन नहीं है इसके मिलते ही जांच की प्रक्रिया तेज होगी

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 04:50 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 06:00 AM (IST)
मथुरा की लैब में कोरोना टेस्ट सफल, हरी झंडी का इंतजार

जागरण संवाददाता, मथुरा : पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों की टीम को कोविड-19 की जांच करने में सफलता मिल गई। यूनिवर्सिटी में स्थापित की गई प्रयोगशाला में जालमा से लाए गए सैंपलों की जांच का ट्रायल किया गया था। इसके परिणाम से राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान को अवगत करा दिया गया है। गुरुवार को दोपहर में वीडियो कांफ्रेंस कर किग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की टीम प्रयोगशाला का अवलोकन करेगी।

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कोविड-19 की जांच के लिए राज्य सरकार ने करीब डेढ़ महीने पहले पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान को निर्देश दिए थे। कुलपति डॉ. जीके सिंह ने डीन एसके गर्ग को प्रयोगशाला स्थापित कराने का दायित्व सौंपा था। उनकी अगुवाई में लैब को स्थापित करने का कार्य किया गया। लैब तैयार हो गई तो प्रमुख सचिव पशुधन और केजीएमयू की टीम ने निरीक्षण किया। उस समय कई कमियां रह गई थीं, जिनको बाद में पूरा किया। इसलिए लैब को स्थापित होने में देर हुई। शनिवार को जालमा से लैब में कोविड-19 के टेस्ट के लिए दस सैंपल आए थे। इनका यहां ट्रायल किया गया। बुधवार को ट्रायल सफल रहा। ट्रायल लैब की प्रभारी डॉ. रश्मि सिंह समेत दस विज्ञानियों ने किया जो, सफल रहा। डीन एसके गर्ग ने बताया कि परिणामों से आइसीएमआर को अवगत करा दिया गया है। रिपोर्ट केजीएमयू लखनऊ को भेज दी गई है। केजीएमयू की टीम ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से लैब की व्यवस्था देखने के लिए कहा है और इसका समय भी दोपहर बारह बजे का निर्धारित किया गया है। डीन ने बताया कि अभी तक वेटेरिनरी यूनिवर्सिटी की लैब का नाम आइसीएमआर के पोर्टल पर नहीं था। उम्मीद है कि गुरुवार तक पोर्टल पर लैब का नाम आ जाएगा। इसके बाद यहां सैंपल की जांच होनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी एक सप्ताह तक यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है कि लैब में एक दिन में कितने सैंपल की जांच हो पाएगी, लेकिन इतना जरूर तय है कि मथुरा के सैंपल की जांच के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसका कारण भी उन्होंने यह बताया कि अभी लैब में आरएनए को अलग करने वाली ऑटोमेटिक मशीन नहीं है, क्योंकि इसकी देश भर में मांग है और इसकी आपूर्ति कम हो रही है। जब यह मशीन मिल जाएगी तो सैंपल जांच करने की प्रक्रिया में भी तेजी आ जाएगी।


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