पारा 2.5 डिग्री: चुभने लगी शीत लहर, जनजीवन प्रभावित
अधिकतम तापमान में भी आई एक डिग्री सेल्सियस की कमी
मथुरा, जासं: तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। पिछले चार दिन से तीन डिग्री सेल्सियस पर बना पारा शुक्रवार रात को पारा केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखूदम फरह के तापमापी पर .5 डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया। अधिकतम तापमान में भी एक डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई। 20 डिग्री सेल्सियस से लुढ़क कर अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।
इधर, उपकृषि निदेशक शोध तेजवीर ¨सह तेवतिया ने बताया कि कृषि शोध केंद्र राया के तापमापी पर न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 16 डिग्री रहा है। केंद्रीय बकरी केंद्र का तापमापी यमुना के किनारे स्थित हैं, जबकि शोध केंद्र का तापमापी पेड़ों के समीप लगा हुआ है। इसलिए दोनों के बीच के तापमान में हमेशा अंतर बना रहता है। शनिवार की सुबह शीतलहर से राहत जरूर मिली, लेकिन दोपहर बाद फिर शीत लहर शरीर में नश्तर की तरह चुभने लगी। ठंड के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है। --छूट रहे आलू उत्पादकों के पसीने:
पाले के मौसम में आलू उत्पादक किसानों के पसीने छूट रहे हैं। तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। आलू की फसल को पाला मारने की संभावनाएं अधिक बढ़ गई हैं। मौसम ने आलू उत्पादकों के लिए जो खतरे की घंटी की बजाई, उससे किसान ¨चतित हो गए हैं। करीब साढ़े चौदह हजार हेक्टेयर में आलू की फसल खड़ी है। --आलू की फसल नाजुक है। अगर, पत्ते पर भूरे काले रंग के धब्बे दिखाई दें तो तत्काल मैकोंजेब या फिर सीएम-75 में स्ट्रेप्टोसाइकिल दवा का मिश्रण करके दो से ढाई ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 15-15 दिन के अंतराल से छिड़काव करें। हल्की ¨सचाई भी करते रहे।
जगदीश प्रसाद, उद्यान अधिकारी -तापमान गिर रहा है। आलू की फसल को पाला मार सकता है। पाले से पौधे की नसों में जाइलम और फ्लोयम जम जाएगा। वे फट जाएंगी। पौधे झुलस जाएगा। किसान लगातार फसल की निगरानी करें।
डॉ. ब्रजमोहन ¨सह, कृषि वैज्ञानिक केवीके ठंड के भय से दुबके फरियादी: सरकारी विभागों के विभागाध्यक्ष सुबह नौ से 11 बजे तक अपने-अपने दफ्तरों में बैठकर जन सुनवाई के लिए बैठ रहे हैं, पर इस समय अवधि में फरियादी अपनी फरियाद लेकर कार्यालयों में नहीं पहुंच रहे हैं। शनिवार को सीडीओ कार्यालय में इस समय अवधि के बाद गांव झंडीपुर से मलूकाराम शहीद बबलू ¨सह की स्मृति में बनाए गए पार्क को विकसित किए जाने की मांग लेकर पहुंचे, जबकि मांट तहसील के गांव कसेरा कलां से एक दर्जन ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग को लेकर पहुंचे। समाज कल्याण, दिव्यांगजन, सहकारिता, बाल विकास अधिकारी, डीआरडीए, आरइएस, पशुपालन और लघु ¨सचाई विभाग के दफ्तर में कोई फरियादी नहीं आया। --सर्दी के मौसम सावधान रहने की जरूरत है। ब्लड प्रेशर और दमा-श्वांस रोगियों को दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
डॉ. अशीष गोपाल, फिजिशियन, सरल हेल्थ केयर