देर रात तक बॉर्डर पर डटे रहे काग्रेसी
जागरण संवाददाता मथुरा राजस्थान सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में भेजी गई रोडवेज की बसों को लेकर रविवार देर रात तक राजस्थान बॉर्डर पर सियासी गहमागहमी बनी रही। काग्रेसी देर रात तक बॉर्डर पर डटे रहे।
जागरण संवाददाता, मथुरा : राजस्थान सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में भेजी गई रोडवेज की बसों को लेकर रविवार देर रात तक राजस्थान बॉर्डर पर सियासी गहमागहमी बनी रही। काग्रेसी देर रात तक बॉर्डर पर डटे रहे।
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री राजा विश्वेन्द्र सिंह भी बॉर्डर पर बसों को एंट्री न मिलने की जानकारी पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि ये योगी सरकार की हठधर्मिता है। मजदूर पैदल चल रहे हैं और जो उनका सहयोग करना चाह रहे हैं, उन्हें सहयोग नहीं करने दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार आरोप लगा रही है यह सब राजनीति के लिए किया जा रहा है तो वह यह बताएं कि इस वक्त कहा चुनाव हैं। हम तो केवल प्रवासी मजदूरों की मदद करना चाहते हैं। काग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर और जिलाध्यक्ष प्रदीप चौधरी देर रात तक राजस्थान सीमा पर डटे रहे। भरतपुर और मथुरा के अधिकारियों से वार्ता की लेकिन रात तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। तब काग्रेसी रात करीब दस बजे वापस लौट गए। उधर, प्रियंका गाधी के ट्वीट के बाद सियासत गरमा गई। सूत्रों का कहना है लगातार काग्रेसी नेता भरतपुर और मथुरा के अधिकारियों के सपंर्क में रहे। काग्रेस जिलाध्यक्ष दीपक चौधरी का आरोप है भाजपा सरकार जानबूझकर प्रवासी मजदूरों की मदद नही करने दे रही है। ये सीधे सीधे ताना शाही है। प्रदीप माथुर ने आरोप लगाया कि ये प्रदेश सरकार जानबूझकर ऐसा कर रही है। ये बसें प्रदेश में जाएंगी तो प्रवासी मजदूरों का भला होगा।