अधिशासी अभियंता के कार्यालय पर शव रख हंगामा
ठेकेदार के साथ काम करते समय करंट की चपेट से झुलस गया था युवक दिल्ली में मौत एसडीएम ने आर्थिक मदद दिलाने का दिया आश्वासन तब शव उठाकर गांव ले गए परिजन
संवादसूत्र, मथुरा : कोसीकलां में ठेकेदार के साथ काम करते हुए बीस दिन पहले करंट से झुलसे युवक की मौत हो गई। मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे स्वजनों ने युवक का शव ले जाकर अधिशासी अभियंता विद्युत निगम कार्यालय नंदगांव मार्ग के सामने रख दिया। मृतक आश्रितों को बीस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। एसडीएम ने मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता दिलाने, विद्युत विभाग के अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने का आश्वासन दिया। इसके ही स्वजन शव ले गए।
शहर के तलाबशाही क्षेत्र निवासी मान सिंह विद्युत निगम में ठेकेदार हैं। उनके साथ छाता के नगला बिरजा निवासी दीपक भी काम करता था। छह मई को मुहल्ला तलाबशाही में विद्युत लाइन में फॉल्ट हो गया था। ठेकेदार ने दीपक को फॉल्ट ठीक करने के लिए लाइन पर चढ़ा दिया। दीपक फॉल्ट को ठीक कर रहे थे, तभी लाइन में करंट में छोड़ दिया गया जिससे वह बुरी तरह से झुलस कर खंभे से नीचे गिर गया। दीपक के साथी उसको लेकर स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, लेकिन हालत गंभीर होने पर वहां से दीपक को रेफर कर दिया। स्वजनों ने दीपक को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया।
मंगलवार को बीस वर्षीय दीपक ने दम तोड़ दिया। अपराह्न करीब तीन बजे स्वजन दीपक के शव को लेकर अधिशासी अभियंता कार्यालय नंदगांव रोड पहुंचे और शव को कार्यालय के सामने रखकर धरने पर बैठ गए। मृतक के पिता पप्पू और उसकी पत्नी पूजा भी धरनास्थल पर पहुंच गई। पीड़ितों ने हंगामा करते हुए मृतक आश्रितों को बीस लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की। पीड़ित पप्पू सिंह का आरोप था कि विद्युत निगम के अधिकारियों की लापरवाही ने दीपक की जान ली है। कोसीकलां के किसान मजदूर महासभा के प्रांतीय मंत्री दीपक चौधरी ने कहा कि पीड़ित परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं। मृतक के आश्रितों को बीस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए। करीब सात बजे तक स्वजन शव को कार्यालय के सामने रखकर हंगामा करते रहे। इस दौरान एसडीएम हनुमान प्रसाद मौर्य भी घटना स्थल पर पहुंच गए। अधिशासी अभियंता ने उनको अवगत कराया कि दीपक ठेकेदार के साथ काम करता था। इसके बाद भी वह पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए तैयार हैं, मगर स्वजन व धरने पर बैठे लोग बीस लाख मुआवजे की मांग पर अड़े हुए थे। एसडीएम ने पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। पीड़ितों की मांग पर एसडीओ, जेई और ठेकेदार के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराने का भी आश्वासन दिया। इसके बाद ही स्वजन शव उठाकर ले गए। इंस्पेक्टर कोसीकलां आजादपाल सिंह ने बताया कि इस संबंध देररात तक उनको कोई तहरीर नहीं मिली है।