काशी और लखनऊ में भी बनेंगी कृष्ण कुटीर : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी और लखनऊ में इस तरह के सदन बनवाने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वृंदावन में कृष्ण कुटीर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
मथुरा (जेएनएन)। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा के वृंदावन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि निराश्रित महिलाओं के लिए लखनऊ तथा वाराणसी में भी कृष्णा कुटीर का निर्माण कराया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं के लिए निराश्रित होने के साथ साधना करना मुश्किल है। ऐसी महिलाओं के लिए आश्रय सदन की जरुरत है। संपत्ति को लेकर लोग तथा परिवार अपने घर की महिलाओं को ठुकरा देते हैं। पागलखाने भेज देते हैं। ऐसी महिलाओं को सदन में लाया जाए। यहां रहने वाली वृद्धाओं की देखभाल जिला प्रशासन करेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हर महीने स्वास्थ्य शिविर लगाएगा। उनके लिए संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। उनके हुनर को संवारा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी और लखनऊ में इस तरह के सदन बनवाने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वृंदावन में कृष्ण कुटीर के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
सीएम योगी पहुंचे वृंदावन की कृष्णा कुटीर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मथुरा के वृंदावन में कृष्ण कुटीर का अवलोकन किया। इस अवसर पर वहां एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के साथ मथुरा की सांसद फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी भी थीं।
मथुरा के वृंदावन की कृष्ण कुटीर में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कुटीर का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और हेमामालिनी भी थीं। डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और मेनका गांधी ने कुटीर के निर्माण पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आश्रय सदन अन्य स्थानों पर भी बनाए जाने की आवश्यकता है। इनमें निराश्रित माताओं की देखभाल होगी।
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के साथ यूपी की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने रिमोट दबाकर इसका शुभारंभ किया। इस दौरान यहां पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा इस तरह के सदन अन्य स्थानों भी बनाए जाने की आवश्यकता है। इनमें बड़ी संख्या में निरिश्रित माताओं की देखभाल होगी।