तरौली की गोशाला में मर रही भूख प्यास से गायें
चारे-दाने की कमी, संचालक व मैनेजर कर रहे हाथ खड़े, डीएम से लगाई राहत की गुहार, ग्रामीणों ने जबरन भरी गाय
चौमुहां, मथुरा: छाता तहसील क्षेत्र की स्वामी बाबा गोशाला तरौली में गाय भूख-प्यास से दम तोड़ रही है। मैनेजर ने सोमवार को चारे-दाने की व्यवस्था की मांग करते हुए दो-ढाई सौ गाय जबरन भरने से भी डीएम को अवगत कराया। कहा कि गाय भूखी मरी तो उनके सामने खुदकशी करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा।
निराश्रित गोवंश की सेवा को 1992 में गांव तरौली निवासी बल्लभदास ने स्वामी बाबा मंदिर परिसर में गोशाला खोली। 93 वर्षीय बाबा की करीब बीस दिन पहले हिम्मत जबाव दे गई। चारे का इंतजाम न होने पर बाबा ने अन्न जल त्याग दिया। अनशन पर बैठ गए। आसपास के गांव के लोगों ने गोशाला का संचालन गांव सैनवा निवासी दुर्गेश ढोमरा को सौंप दिया। ढाई-तीन हजार रुपये का खर्च होने और उसकी पूर्ति साथियों की मदद किए जाने की सोच कर ढोमरा गोशाला का कार्य संभाल लिया। अब कोई मदद नहीं कर रहा है। गोशाला में चार सौ से अधिक गायें हैं। 653 रुपये प्रति ¨क्वटल की दर भूसा बिक रहा है। एक ट्राली भूसा दो दिन के लिए होता है। अब उनकी भी जेब जबाव देने लगी। दैनिक जागरण के कार्यालय आए ढोमरा का कहना था कि भूसे का इंतजाम नहीं हुआ तो उनके पास दुनिया को अलविदा कहने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। वे गोशाला का कार्य भी छोड़ने को तैयार है। --पहले गोशाला में 220 गोवंश था। 225 छुट्टा गोवंश और भर दिया गया। एक तो पशुओं के लिए चारा नहीं है, दूसरे सांड हमलावर हो रहे हैं। इसलिए गाय मर रही हैं।
बल्लभदास, स्वामी बाबा तरौली गोशाला संस्थापक