बेसहारा पशुओं को लेकर आंदोलन कई गांवों में फैला
पशुओं की रोकथाम में अभी नहीं कोई तात्कालिक राहत, स्कूलों से छुड़वाए गए पशु गोशाला के बजाय फिर खेतों में पहुंचे
मथुरा: बेसहारा पशुओं के आतंक से निजात दिलाने को प्रशासन ने अभी तक कोई तात्कालिक उपाय नहीं किए हैं। एसडीएम मांट द्वारा स्कूलों में बंद गोवंश को छुड़ाने के कदम ने तो मुश्किल और बढ़ा दीं। बंद गोवंश को किसी गोशाला में भेजने के बजाय उन्हें छुट्टा छोड़ दिया। इससे गोवंश फिर खेतों को उजाड़ रहे हैं। इधर शनिवार को आंदोलन की जद में सुरीर क्षेत्र के गांव भगत नगरिया और राजागढ़ी भी आ गए। बलदेव और राया क्षेत्र में भी पशुओं को स्कूल में बंद कर दिया गया।
पिछले चार दिन से बेसहारा पशुओं को पकड़कर स्कूलों में बंद करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भगत नगरिया में शनिवार सुबह किसानों ने बेसहारा गाय और सांड़ों को प्राथमिक स्कूल में बंद कर दिया। स्कूल में पशुओं का जमावड़ा देख बच्चों समेत शिक्षकों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया और पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद शिक्षकों ने पशुओं से बचते बचाते बच्चों को बाहर निकाल लिया और स्कूल के पास खेत के एक खुले बाड़े में बिठाकर पढ़ाना शुरू कर दिया। शिक्षक अमर ¨सह ने कहा कि सुबह किसानों ने गाय और सांड़ों को स्कूल में लाकर बंद कर दिया, मना करने पर भी ग्रामीण नहीं माने।
राजागढ़ी, बुलाकपुर, अरुआ समेत आधा दर्जन गांवों के स्कूलों में भी ऐसी ही स्थिति बनी रही। कुछ जगहों पर छुट्टा पशुओं को बहार कराने के बाद ही बच्चे स्कूल के अंदर घुस सके। मांट के प्राथमिक स्कूल नगला ¨वदा, जावरा और बलदेव के प्राथमिक विद्यालय नगला बेरव, राया ब्लाक के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्कूल कारब में भी पशु बांधे गए। सांड़ों के आतंक से दहशत में किसान
संसू, सुरीर: छुट्टा घूम रहे पशुओं में कुछ मरखने सांड़ हैं, जो फसल की रखवाली करते किसानों पर हमला कर रहे हैं। गांव भगत नगरिया निवासी किसान बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि वह खेत पर फसल की रखवाली को गए थे। खेत में गाय और सांड़ घुस गए, उन्हें भगा रहे थे कि तभी मरखने सांड़ ने हमला कर घायल कर दिया। किसान राजू ने बताया कि फसल की रखवाली के दौरान एक सांड़ उनके पीछे पड़ गया। उन्होंने पेड़ पर चढ़ कर जान बचाई। गांव नयाबांस के किसान विजय शर्मा ने बताया कि वे भी सांड़ के हमले से बाल-बाल बच गए।