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ब्रज रज और जल में मिली डालमिया की अस्थियां

भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त, गोलोक धाम वासी विश्व ¨हदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे विष्णु हरि डालमियां की अस्थियां पतित पावनी मां यमुना के आंचल में प्रवाहित कर दी गईं। स्व. डालमियां की इच्छानुसार उनकी अस्थियां वृंदावन स्थित केसी घाट, हरिद्वार में गंगा में विसर्जन के साथ ही गोवर्धन की रज में मिला दी गईं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:25 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:25 PM (IST)
ब्रज रज और जल में मिली डालमिया की अस्थियां
ब्रज रज और जल में मिली डालमिया की अस्थियां

जासं, मथुरा: भगवान श्री कृष्ण के अनन्य भक्त, गोलोक धाम वासी विश्व ¨हदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे विष्णु हरि डालमिया की अस्थियां पतित पावनी मां यमुना के आंचल में प्रवाहित कर दी गईं। डालमिया की इच्छानुसार उनकी अस्थियां वृंदावन स्थित केशी घाट, हरिद्वार स्थित गंगा में विसर्जन के साथ ही गोवर्धन की रज में मिलाई गईं।

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श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के पूर्व प्रबंध न्यासी विष्णु हरि डालमिया की अस्थियां शनिवार को हरिनाम संकीर्तन के साथ यमुना में विसर्जित की गईं। अस्थि कलश को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा और सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी लेकर चल रहे थे। सबसे आगे हरिनाम संकीर्तन करते हुए भक्तगण चल रहे थे, उनके पीछे अस्थियों सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। विश्राम घाट पर नावों में बैठ सभी ने यमुना की बीच धारा में अस्थियों को प्रवाहित किया तो जब तक सूरज चांद रहेगा विष्णु हरि डालमिया का नाम रहेगा के गगनभेदी नारे गुंजायमान हो उठे।

इससे पूर्व कलश यात्रा श्रीकृष्ण जन्मस्थान से प्रारंभ होकर डीग गेट, मंडी रामदास, चौक बाजार, द्वारिकाधीश होते हुए विश्राम घाट पहुंची। रास्ते में ¨हदू संगठनों के लोगों, व्यापारियों और धर्मावलंबियों ने अस्थि कलश पर पुष्प वर्षा कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। विश्राम घाट पर करीब आधा घंटे तक संकीर्तन चलता रहा। जन्मस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि विष्णु हरि डालमिया योद्धा और संत दोनों ही थे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के हित में उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा तो धर्मस्थल के विकास और प्रभु के स्मरण में उन्होंने अपना जीवन अर्पण कर दिया, ऐसे महामनीषी सदियों में अवतार लेते हैं। उनके द्वारा शुरू कराए गए प्रकल्प अनवरत रूप से चलते रहेंगे। इस मौके पर संयुक्त मुख्य अधिशासी अधिकारी राजीव श्रीवास्तव, जनसंपर्क अधिकारी विजय बहादुर ¨सह भी मौजूद रहे।

अस्थियां विसर्जित होते ही निकल गए प्राण:

विष्णु हरि डालमिया की अस्थियां यमुना में विसर्जित होते ही उनके 42 साल तक सेवक रहे नारायण ने भी प्राण त्याग दिए। विश्राम घाट पर अस्थि विसर्जन कर 11 बजे करीब जब सभी नाव से उतरे तभी गोरखपुर स्थित घर में नारायण के प्राणांत की खबर लगी तो सभी शोक मग्न हो गए। सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि नारायण के अलावा विष्णुजी को किसी अन्य के हाथ का भोजन पसंद नहीं था। नारायण के बीमार पड़ने के बाद से विष्णुजी कभी-कभार ही भोजन करते थे, वह भी अनमने भाव से। कहते भी थे कि नारायण के हाथ में जो स्वाद है, वह अन्य के हाथ में नहीं।

चार्टर प्लेन से जाएंगे गोरखपुर

सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि हरिद्वार में परिजन पुनीत डालमिया, नीलाभ डालमिया और गौरव डालमिया ने अस्थियों का विसर्जन किया। गोरखपुर स्थित गंगा में अस्थि विसर्जन के लिए जल्द ही चार्टर प्लेन से परिवार के सात सदस्य गोरखपुर जाएंगे।


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