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पुण्य कमाने की होड़ में शहर बदरंग

जागरण संवाददाता, मथुरा: गंगा दशहरा पर धार्मिक गतिविधियों की बयार भले ही खूब बही, पर लोग अपने राष्ट्र

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 12:41 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jun 2018 12:41 AM (IST)
पुण्य कमाने की होड़ में शहर बदरंग
पुण्य कमाने की होड़ में शहर बदरंग

जागरण संवाददाता, मथुरा: गंगा दशहरा पर धार्मिक गतिविधियों की बयार भले ही खूब बही, पर लोग अपने राष्ट्रीय और सामाजिक कर्तव्य को भूल गए। नतीजा, दशहरा की सुबह शहर जितना साफ और स्वच्छ था, जगह-जगह लगी प्याऊ और भंडारों की गंदगी से उतना ही प्रदूषित हो गए। जगह-जगह बिखरे पड़े प्लास्टिक के गिलास, प्लेट और दौने जहां सड़क पर हवा से उड़ान भर रहे वहीं, नालियों में समाकर उसे चोक कर रहते रहे।

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गंगा दशहरा पर शहर में सौ से अधिक स्थानों पर सामाजिक, व्यापारिक संगठन और प्रतिष्ठानों के तत्वावधान में सादा जल, मीठा शर्बत, जलेबी, कचौड़ी और पूरी-सब्जी आदि के भंडारे की स्टॉल सजाई गईं। इन प्याऊ और भंडारों पर आयोजकों ने कनात, कुर्सी, टेबल आदि तो लगवाए ही तेज आवाज में भजन चलाने के लिए साउंड सिस्टम भी लगवाए गए। यहां बड़े ही श्रद्धा और भक्तिभाव से संगठनों के पदाधिकारी श्रद्धालुओं को शर्बत और पूरी तो खिला रहे थे, पर जब यही लोग खाने-पीने के बाद दौने और गिलास सड़क पर फेंक चलते बने तो आसपास गंदगी का अंबार इकट्ठा हो गया। दोपहर के वक्त यही गिलास और दौने हवा के साथ उड़कर पूरी सड़कों पर फैल कहानी बयां कर रहे थे। हर विभाग और संगठन क्लीन मथुरा और ग्रीन मथुरा की तो बात कर रहा है, पर संस्थाओं द्वारा डस्टबिन तक रखवाना उचित नहीं समझा। यदि डस्टबिन रखवाए होते तो शहर सुंदर बना रहता।


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