कृष्ण नगरी में गूंजेगा गणपति बप्पा मोरिया
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में सोमवार से प्रथम पूज्जनीय भगवान श्रीगणेश की जय-जयकार होगी। पूजा-अर्चना कर विघ्नहर्ता से घर में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जाएगी। गणेश मंदिरों को सजया-संवारा जा रहा है। दोपहर में गणेशजी का अभिषेक किया जाएगा और शाम को फूल बंगला सजाया जाएगा। गणेश मंदिरों में दिन भर भगवान गणेश की महिमा का गुणगान होगा। रात तक मंदिरों में श्रद्धा की बयार बहोगी।
मथुरा : भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में सोमवार से प्रथम पूज्यनीय भगवान श्रीगणेश की जय-जयकार होगी। पूजा-अर्चना कर विघ्नहर्ता से घर में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की जाएगी। गणेश मंदिरों को सजाया-संवारा जा रहा है। दोपहर में गणेशजी का अभिषेक किया जाएगा और शाम को फूल बंगला सजेगा। गणेश मंदिरों में दिन भर भगवान गणेश की महिमा का गुणगान होगा। रात तक मंदिरों में श्रद्धा की बयार बहेगी।
गणेश टीला स्थित गणेश मंदिर को सजाया संवारा गया है। मंदिर रंग-बिरंगी विद्युत रोशनी से झिलमिल करेगा। दोपहर 12 बजे अभिषेक और शाम पांच बजे से श्रृंगार और छप्पन भोग के दर्शन होंगे। असकुंडा स्थित गणेश मंदिर, चौबियापाड़ा स्थित दसभुजी गणेश, गऊघाट स्थित बाल गणेश मंदिर पर भी श्रद्धालुओं का रेला उमड़ेगा। घर-घर और दुकान-दुकान में श्रीगणेशजी प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। भगवान श्रीगणेश का मूर्ति विसर्जन भी बैंडबाजों से झूमते-गाते किया जाता हैं। इसके लिए भगवान श्रीगणेश की मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। मूर्तियों का स्टोन, लेस, सीसे से श्रृंगार किया गया है। भगवान गणेश के जन्म उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि, सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह उत्सव दस दिन बाद अनंत चतुर्थी के दिन समाप्त होता है। यह दिन गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है। गणेश टीला स्थित सिद्ध विनायक गणेश मंदिर के सेवायत देवकी नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि दोपहर में अभिषेक और शाम को छप्पनभोग का आयोजन किया जाएगा। पंडित अमित भारद्वाज ने बताया कि सोमवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। भगवान गणेश को तिल के लड्डूओं का भोग लगाना चाहिए। भगवान गणेश की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं।