शुभ घड़ी में मेरी राखी बांध लेना बांकेबिहारी, बहनें भेज रहीं राखियां और पत्र
भाई-बहन के त्योहार पर बहनों ने बांके बिहारी से से खुशहाली का आशीर्वाद और मिलने की आस जल्द पूरी करने की मन्नत भी मांगी है।
मथुरा (जेएनएन)। जो बहनें इस रक्षाबंधन पर वृंदावन नहीं आ पा रही हैं, उन्होंने ठा. बांके बिहारी को राखियों के संग उलहाना भेजा है। बांके बिहारी से पूछा है कि भाई-बहन के इस त्योहार पर उन्हें बुला क्यों नहीं लिया। बहनों ने ठाकुरजी से खुशहाली का आशीर्वाद और मिलने की आस जल्द पूरी करने की मन्नत भी मांगी है। रक्षाबंधन से पहले ही अब तक ठा. बांके बिहारी मंदिर परिसर स्थित डाकघर में करीब एक हजार पत्र आ चुके हैं। जिन बहनों ने उन्हें धर्म भाई माना हुआ है, उन्होंने राखियां तो भेजी ही हैं, उनके साथ मार्मिक पत्र भी लिखे हैं। सभी ने कोई न कोई कामना की है।
जालंधर निवासी श्रुति ने अपने पत्र में भाई बांकेबिहारी प्रणाम के साथ लिखा है कि भाई, राखी भेज रही हूं, बांध लेना। सलाह भी दी है कि शुभ घड़ी और नक्षत्र में ही मेरी राखी बांधना प्रभु। इसी के साथ परिवार पर आया संकट दूर करने की प्रार्थना भी भाई बांकेबिहारी से की है। हिमांशु सहगल तो इतनी अधीर हैं कि उन्होंने लिखा है-राखी बंधने के बाद एकबार मोबाइल पर उन्हें बता जरूर देना। इस बहन ने पत्र में अपना मोबाइल नंबर भी लिखा है।
दिल्ली की महिमा, सोनिया, सोनिका, कोलकाता की नम्रता, देहरादून न्यू सहस्त्रधारा मार्ग निवासी रुचि गौड़, रोहिणी दिल्ली की सरोज गुप्ता और झांसी की संजलि अग्रवाल ने भी ठा. बांकेबिहारी को राखियां भेजी हैं। इनमें से कुछ ने रक्षाबंधन पर न बुलाने के लिए उलाहना दिया है तो कुछ ने न आ पाने की मजबूरी बता क्षमा मांगी है। मंदिर प्रबंधक उमेश सारस्वत बताते हैं कि जो भी राखियां रक्षाबंधन से पहले उन्हें मिल रही हैं, वे सेवायतों के जरिए रक्षाबंधन पर ठाकुरजी को अर्पित कराई जाएंगी और उनसे प्रार्थना की जाएगी कि वह अपनी बहनों की कामना जरूर पूरी करें।