वृंदावन में फर्जी दस्तावेज लेकर रह रहा कनाडाई गिरफ्तार
दिल्ली के एक अधिवक्ता ने 30 लाख में बनाए थे सभी दस्तावेज, 15 साल पहले वाराणसी विश्वविद्यालय में आया था अध्ययन को
मथुरा, जासं: इस्कॉन मंदिर के ब्रह्माचर्य आश्रम में फर्जी भारतीय नागरिकता लेकर रहे एक कनाडियन को बुधवार को वृंदावन पुलिस ने लोकल इंटेलीजेंस यूनिट की मदद से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपित विदेशी 15 साल पहले वाराणसी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए छात्र वीजा पर भारत आया था।
न्यू पोर्ट रहोडे आईसलैंड कनाडा यूएसए निवासी रयान एडवार्ड ग्लाड स्टोन वर्ष 1994 में वाराणसी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए छात्र वीजा पर भारत आया। वहां से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद वह वृंदावन आ गया और उसने अपना भारतीय नाम श्यामदास रख लिया। हरियाणा के गुड़गांव डीएलएफ फेस टू-एम 14/1 में आवास भी खरीद लिया। वीजा की अवधि खत्म होने के बाद वह वापस कनाडा नहीं गया।
एसपी सिटी श्रवण कुमार ¨सह ने पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2010 में रयान ने एक अधिवक्ता को 30 लाख रुपये दिए थे। अधिवक्ता ने भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र और एक पासपोर्ट बनवा कर दे दिया। यह फर्जी था। 55 वर्षीय रयान एडवार्ड ग्लाड स्टोन बह्माचर्य आश्रम इस्कान मंदिर भक्ति वेदांता स्वामी मार्ग के कमरा नंबर 88 में रह रहा था। उसको यहां लोग श्यामदास के नाम जानते थे। श्यामदास की फर्जी भारतीय नागरिकता होने की सूचना पर लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के इंस्पेक्टर एपी कौशिक को जांच में लगाया गया। जांच में सभी दस्तावेज फर्जी निकले। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपित की कोई संदिग्ध गतिविधि में संलिप्त होने का अभी कोई साक्ष्य नहीं मिला है। एसपी देहात आदित्य कुमार शुक्ला, सीओ महावन प्रबल प्रताप और रामरेती पुलिस चौकी प्रभारी विपिन गौतम मौजूद रहे। श्रीलंका के नाम पर जारी हुआ था प्रमाण पत्र:
जो भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र रयान से मिला है, उसकी गृह मंत्रालय से जांच कराई गई। जांच में उसके प्रमाण पत्र का जो नंबर दर्ज है, उस नंबर पर श्रीलंका के एक व्यक्ति को भारतीय नागरिकता दी गई है। दूतावास में भी श्याम दास की नागरिकता से संबंधित कोई रिकार्ड नहीं मिला है।