मंदिरों के पट खोलवाने को अर्द्धनग्न प्रदर्शन
संवाद सहयोगी वृंदावन तीर्थनगरी में मंदिरों में श्रद्धालुओं की एंट्री बंद होने के बाद लोगों के सामने जीवन यापन करने की समस्या विकराल होती जा रही है। जबकि लॉकडाउन चार में अधिकार करोबार को खोल दिया गया है और आवागमन भी हो रहा है। लेकिन मंदिरों को खोलने में सरकार देरी कर रही है। जबकि केंद्र के एक मंत्री के लिए मंदिर के पट भी खुल जाते हैं और करोड़ों करोड़ भक्तों के लिए मंदिर में एंट्री हीं दी जा रही। मंदिरों को खोले जाने की मांग को लेकर मंगलवार को लोगों ने गोविद देव मंदिर के सामने प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, मथुरा : वृंदावन में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के लिए गोविद देव जी मंदिर के पट खोलने पर वृंदावन में राजनीति गरमाने लगी है। मंगलवार को इसी को मुद्दा बनाकर किसान, गरीब, मजदूर सेवा समिति ने आम श्रद्धालुओं के लिए भी मंदिरों के पट खोले जाने की मांग उठाते हुए अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। इससे पहले जूना अखाड़ा के अध्यक्ष महामंडलेश्वर नरेंद्र गिरि ने मंदिरों के पट खोलने की मांग उठाई थी।
कोविड-19 के खतरे को लेकर देश भर में चौथे चरण का लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन में सरकार ने मंदिरों के पट भी बंद करा दिए हैं। तीन दिन पहले वृंदावन में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल गोविद देवजी मंदिर के दर्शन करके गए हैं। उनके जाते ही वृंदावन के अन्य मंदिरों को आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग उठने लगी। जूना अखाड़ा के अध्यक्ष महामंडलेश्वर नरेंद्र गिरि ने श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के पट खोलने की मांग पिछले दिनों प्रदेश सरकार से की थी, मगर दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सरकार ने इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। मंगलवार को गरीब, मजदूर सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद गोस्वामी ने अपने कार्यकर्ता, कुछेक तीर्थपुरोहितों और पंडा समाज के लोगों के साथ केंद्रीय मंत्री के लिए मंदिर के पट दर्शन को खोले जाने को मुद्दा बनाकर सप्तदेवालयों में शामिल गोविददेव मंदिर के सामने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि जब सरकार ने सब कुछ खोल दिया है। मंत्रियों के लिए मंदिर के पट खोले जा रहे हैं, तब आम श्रद्धालओं के लिए भी मंदिरों के पट खोले जाने चाहिए। मंदिर नहीं खोले जाने से पूजापाठ सामग्री विक्रेता, फूल माला विक्रेता और अन्य लोगों का कारोबार ठप है। मंदिरों को खोले जाने से इन सभी का काम धंधा भी चलने लगेगा। विजय मिश्रा, पवन शर्मा, अर्जुन पंडित, भिक्की गोस्वामी, कल्लू शर्मा, दिनेश शर्मा, बाबूलाल समेत कई लोग प्रदर्शन में शामिल रहे।
विद्युत बिल माफी के
लिए सांकेतिक धरना
संस, वृंदावन : गरीब एकता दल ने मंगलवार को बिजली के बिल माफ करने की मांग को लेकर अलग-अलग घरों में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया। लॉकडाउन में इस तरह का पहला विरोध-प्रदर्शन है। प्रदर्शनकारियों का तर्क था कि जब वेतन और भत्ते में कटौती की गई तो सरकार को बिजली के बिल भी माफ करने चाहिए।
गरीब एकता दल के अध्यक्ष विवेक महाजन एडवोकेट ने मंगलवार को घरों में ही एक दिवसीय सांकेतिक धरना देने का आह्वान किया था। उनका कहना था कि लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार चला गया। लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है। बच्चों की फीस और बिजली के बिल भी जमा करने में उनको दिक्कतें आ रही हैं। दैनिक जरूरतों का प्रबंध करना मुश्किल हो रहा है। सरकार को लोगों की समस्या को पहचान कर बिजली बिल माफ करना चाहिए। दीपक गोयल, गोपाल शर्मा ने कहा कि सांकेतिक धरने के माध्यम से गरीब और आम आदमी की समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। प्रदीप बनर्जी, कल्याण शास्त्री ने भी विद्युत बिल में राहत की मांग की। किशोर पचौरी, रोहित अग्रवाल ने कहा कि तीन महीने से व्यापार ठप है और आगे भी कोई उम्मीद नहीं है। छोटू ठाकुर, रिचा शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, आरके शर्मा, सुमित अग्रवाल, मदन गोपाल शर्मा, बृजभूषण तिवारी, अजय गुप्ता, पुष्पा अग्रवाल, नीरू गौतम, विवेक अग्रवाल, मोहन, नित्यानंद बृजवासी, बीएम शर्मा, ओमप्रकाश गौतम शामिल रहे।