नहीं कोई पैरोकार, आंदोलनकारी ही कराएंगे जमानत
परिवार चाहता है कि सरकार कराए मामला खत्म, आंदोलन के बारे में भूल चुका था परिवार
जागरण संवाददाता, मथुरा : फीस वृद्धि छात्र आंदोलन में 17 साल बाद हुई नक्कारची टीला निवासी विनोद की गिरफ्तारी ने परिवार को झकझोर कर रख दिया है। इस आंदोलन को सभी भूल चुके थे, लेकिन अचानक यह बुरे सपने के रूप में सामने आया है। विनोद की पत्नी बच्चों को ट्यूशन छोड़कर आई तो पति की गिरफ्तारी की सुन घबरा गई कि घर में पैरोकारी करने वाला भी नहीं हैं। आंदोलनकारियों ने ही जमानत का आश्वासन दिया तो राहत मिली। परिवार चाहता है कि इस प्रकरण में सरकार हस्तक्षेप करे और खत्म कराए।
2001 में फीस वृद्धि के लिए छात्राओं द्वारा किए गए आंदोलन का विनोद हिस्सा बने थे। आंदोलन खत्म होने के बाद सब सामान्य हो गया। विनोद और उनकी पत्नी ममता भी इस आंदोलन को भूल गए। शुक्रवार की शाम विनोद की पत्नी ममता बच्चों को ट्यूशन छोड़ने गई थी, घर लौटने पर पता चला कि पति विनोद को पुलिस गिरफ्तार कर ले गई है। ममता कोर्ट-कचहरी के बारे में नहीं जानती है, इसलिए पैरवी को लेकर परेशान होने लगी। आंदोलनकारियों ने ममता को विनोद की जमानत कराने का आश्वासन दिया तो कुछ राहत मिली। ममता का कहना है कि इस आंदोलन की तो किसी को याद नहीं रही । अब तो किसी तरह जीवनयापन कर रहे हैं, लेकिन इस प्रकरण ने मुसीबत खड़ी कर दी है, बच्चे भी छोटे हैं। सरकार से एक ही गुहार है कि वह इस पूरे मामले को खत्म कराए, ताकि सभी को राहत मिल सके।