किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले में दस साल की कैद
20 हजार रुपये के अर्थ दंड से किया दंडित पीड़िता को दो लाख आर्थिक सहायता दिए जाने के भी आदेश
जागरण संवाददाता, मथुरा: विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय द्वितीय जहेंद्र पाल सिंह की अदालत ने मंगलवार को थाना शेरगढ़ क्षेत्र से वर्ष 2016 में एक किशोरी को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले के आरोपित को दस साल की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर बीस हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। पीड़िता को उत्तर प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण से दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के भी आदेश दिए हैं।
थाना शेरगढ़ क्षेत्र से एक किशोरी को 28 फरवरी 2016 को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया गया था। इस मामले में मनोज, उसकी मां कतो, मनोज के स्वजन टिटू और उसके पिता रमेश के खिलाफ किशोरी के पिता ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 9 मार्च 2016 को किशोरी को दमन दीप के थाना नानी क्षेत्र से पुलिस ने बरामद किया था। तहकीकात के बाद पुलिस ने मनोज के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। अन्य आरोपितों की भूमिका पुलिस को किशोरी को अगवा किए जाने के मामले नहीं पाई गई थी। इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश न्यायलय द्वितीय जहेंद्र पाल सिंह की अदालत में हुई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने बताया, इस मामले अभियोजन पक्ष ने पांच गवाह अदालत में पेश किए थे। गवाह और सुबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपित मनोज को किशोरी को अगवा करने व उसके साथ दुष्कर्म किए जाने के मामले का दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपित मनोज को दस साल की सश्रम सजा सुनाई है।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने बताया, पीड़िता अनुसूचित जाति की है। अदालत ने पीड़िता को उत्तर प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण से दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के भी आदेश दिए है।