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रातभर उल्टी-दस्त से तड़पते रहे बच्चे

जागरण संवाददाता, मथुरा: कांशीराम कॉलोनी में बुधवार दोपहर बाद तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन शाम होते-हो

By Edited By: Published: Fri, 06 May 2016 12:17 AM (IST)Updated: Fri, 06 May 2016 12:17 AM (IST)
रातभर उल्टी-दस्त से तड़पते रहे बच्चे

जागरण संवाददाता, मथुरा: कांशीराम कॉलोनी में बुधवार दोपहर बाद तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन शाम होते-होते एक-एक कर बच्चों की हालत बिगड़नी शुरू हुई, तो निवासियों में हड़कंप मच गया। गरीबों की कॉलोनी के लोग समझ नहीं पाए और कई ने झोलाछाप आदि से दवाएं दिला दीं और आश्वस्त हो गए। रात भर कई बच्चे पेट दर्द और उल्टियों से परेशान रहे। सुबह जैसे ही जानकारी मिली कि दो बच्चों की मौत स्कूल में बांटे गए दूध पीने से हुई है, तो कॉलोनी में दहशत फैल गई।

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इसके बाद लोग आक्रोशित हो गए और लामबंद होकर स्कूल पहुंच गए। पैक्ड दूध की गुणवत्ता को लेकर शिक्षिकाओं से सवाल करने लगे। इससे शिक्षिकाएं डर गईं। उन्होंने फोन कर अक्षयपात्र संस्था के सुपरवाइजर को स्कूल आने को कहा। प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मधु कुमारी ने लोगों से कहा कि दूध के पैकेट अमूल कंपनी के थे और सप्लाई अक्षयपात्र संस्थान द्वारा की गई थी। सुबह 11 बजे पहुंचे डीएम ने मृतक बच्चों के परिजनों से बात की और मृत्यु के कारण के बारे में जानकारी करने का प्रयास किया। शिक्षिकाओं से भी पूछताछ की। जब उन्हें बताया गया कि कॉलोनी में और भी बच्चे बीमार हैं, तो डीएम ने इन बच्चों को अस्पताल पहुंचाने का आदेश दिया।

इससे पहले स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने कॉलोनी पहुंच कुछ बच्चों को उपचार देना शुरू कर दिया था। थोड़ी ही देर में एंबुलेंस आ गई और बीमार बच्चों को अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया। करीब एक बजे तक 38 बीमार बच्चे अस्पताल पहुंचाए जा चुके थे। इनमें स्वर्ण जयंती अस्पताल में 27, जिला अस्पताल में सात और एक प्राइवेट अस्पताल में चार बच्चों को भर्ती कराया गया। सरकारी अमला दिन भर कॉलोनी में डेरा डाले हुए था।

डीएम राजेश कुमार ने कहा कि बीमार बच्चों का बेहतर उपचार कराने का प्रयास किया जा रहा है। उनकी हालत में निरंतर सुधार हो रहा है।

दफन हो गए मौत के राज

संवाद सूत्र, महुअन (मथुरा): काशीराम आवासीय कॉलोनी में स्कूल में पैक्ड दूध पीने से बालक जीशान और बालिका कीíत की मौत हो गई, लेकिन परिजनों के आग्रह पर प्रशासन ने पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। इससे दोनों की मौत का राज बेसुराग रह गया। थाना रिफाइनरी के एसओ योगेंद्र यादव का कहना है कि जीशान और कीíत के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया था, जबकि आंगनबाड़ी कार्यकत्री ऊषा के शव को मोर्चरी भेज दिया गया है। वह मूल रूप से झांसी की रहने वाली हैं, उनके परिजनों को सूचित कर दिया है।

नहीं थे इलाज के इंतजाम

गुरुवार सुबह स्वर्ण जयंती अस्पताल में बीमार बच्चों के इलाज को पुख्ता इंतजाम नहीं थे। डॉक्टरों ने एक ही बेड पर दो-तीन बच्चों को लिटाकर इलाज शुरू किया। उनको प्राइवेट और जनरल वार्ड के अलावा आकस्मिक विभाग में रखा गया। बच्चों का हाल-चाल जानने को आए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीके गर्ग ने कर्मचारियों को शाम तक चार कूलर लगवाने को कहा।

जांच कमेटी गठित

बच्चों और आगनबाड़ी कार्यकत्री की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जिलाधिकारी राजेश कुमार के निर्देश पर जांच समिति बनाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग बीमार बच्चों के मल का नमूना लेगा, तो जल निगम कॉलोनी से पानी के नमूने जुटाएगा। खाद्य विभाग को अक्षय पात्र से रसोई के नमूने लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

शिक्षक संघ करवाएगा मुकदमा

शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने जिला अस्पताल में बीमार बच्चों का हालचाल लेने के बाद कहा कि इस प्रकरण में अक्षयपात्र के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराएंगे।


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