जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें, सड़कों से गायब हो गईं जेब्रा पट्टियां
पैदल राहगीरों को वाहनों की रफ्तार के बीच से पार करना पड़ रहा रास्ता।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता : सड़क पर सुरक्षित सफर को नसीहत तो हर कोई देता है, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम मुहैया कराने की पहल किसी ने नहीं की। जिला मुख्यालय पर ही बदहाल रास्ते हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं। वाहनों की रफ्तार के बीच पैदल राहगीरों के लिए सड़कों पर संकेतांक का अभाव व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहा है।
पैदल राहगीर भीड़ भरी सड़कों पर सुरक्षित आवागमन कर सकें इसके लिए जेब्रा क्रॉ¨सग बनवाई गईं। देखरेख के अभाव में मुख्य तिराहों और चौराहों से इनका अस्तित्व ही मिटने लगा है। इन क्रॉ¨सग को बेहद सुरक्षित माना जाता है। यातायात विभाग की मानें तो सड़क पार करने के लिए पैदल राहगीरों को इन्हीं क्रॉ¨सग का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, लेकिन शहर में यह व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। क्या होता है जेब्रा पट्टी का महत्व: सीओ सिटी आरके पांडेय का कहना है कि डामर युक्त सड़क पर सफेद रंग से मोटी पट्टियां खींचकर लगभग दो मीटर दायरे में निशान बनाए जाते हैं। इनका मुख्य उद्देश्य सड़क के एक किनारे पर खडे़ पैदल राहगीरों को पट्टी से गुजारते हुए सुरक्षित सड़क के दूसरी ओर पहुंचाना है। यहां मिट गईं पट्टियां: शहर के भांवत चौराहा, क्रिश्चियन तिराहा, करहल चौराहा, ईशन नदी तिराहा, कुरावली तिराहा, जेल चौराहा पर बनवाई गईं पट्टियां लगभग मिट चुकी हैं। बचाव को अपनाएं ये तरीके:
जेब्रा क्रॉ¨सग पर किसी भी वाहन के खड़ा होने की मनाही है। हमेशा क्रॉ¨सग से पहले ही वाहन को खड़ा करें। लाल सिग्नल होने पर वाहन को न गुजारें। सिग्नल होते ही जेब्रा पट्टी की मदद से राहगीरों को गुजरने का मौका दें।