Move to Jagran APP

इधर अंत्येष्टि, उधर अहमदाबाद में मिली जिंदा

दो सप्ताह पहले जिस विवाहिता का मायके वालों ने अपने हाथों से अंतिम संस्कार कर था। वह अहमदाबाद में मिल गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 10:58 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 10:58 PM (IST)
इधर अंत्येष्टि, उधर अहमदाबाद में मिली जिंदा

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: दो सप्ताह पहले जिस विवाहिता का मायके वालों ने अपने हाथों से अंतिम संस्कार कर था। वह अहमदाबाद में मिल गई है। ससुरालियों पर इसकी दहेज हत्या का आरोप लगा था, बरामद होने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है।

loksabha election banner

थाना किशनी के गांव खरगपुर निवासी अर¨वद ¨सह की पुत्री ज्योति का विवाह चार साल पहले ¨रकू पुत्र मुन्नालाल निवासी गांव बहादुरपुर थाना करहल से हुआ था। 29 जून को ज्योति ससुराल से रहस्यमय ढंग से गायब हो गई। मायके वालों और ससुरालियों ने काफी तलाश किया, लेकिन कोई पता नहीं चला। मायके पक्ष ने ससुरालियों पर ज्योति की दहेज के लिए हत्या कर शव गायब करने का आरोप लगाया था। इसी दौरान चार जुलाई को एक अज्ञात युवती का शव करहल क्षेत्र में गांव डाडा के पास बंबा में पड़ा मिला। सूचना पर ज्योति के मायके वाले और ससुरालीजन पहुंच गए। ससुरालीजन शव को नहीं पहचान सके। वहीं मायके वालों ने शव की शिनाख्त ज्योति के रूप में की। ससुरालीजन शव को ज्योति का मानने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बावजूद मायके वालों ने शव को सुपुर्दगी में लेकर अंतिम संस्कार किया।

ज्योति के भाई सुभाष कुमार ने थाना करहल में ज्योति के पति, देवर जितेंद्र व अल्लू, ससुर मुन्नालाल, सास रेशमा देवी पर दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी। मामला संदिग्ध था, इसलिए पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। पूछताछ के लिए तीन ससुरालियों को हिरासत में ले लिया। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय की शरण ली।

मामला पहली नजर में ही संदिग्ध लग रहा था इसलिए पुलिस अधीक्षक ने शव की पहचान की पुष्टि न होने तक किसी की भी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। इसके साथ ही ज्योति के बारे में सही जानकारी करने की कोशिश शुरू कर दी। सर्विलांस से ज्योति के अहमदाबाद में होने की पुष्टि हुई। रविवार को पुलिस ने उसे अहमदाबाद से बरामद कर लिया। ज्योति की बरामदगी से ससुरालियों ने राहत की सांस ली है। एसपी कार्यालय पर मौजूद ससुरालियों ने बताया कि उन्हें जेल जाने का डर सता रहा था। वो भी उस अपराध में, जो उन्होंने किया ही नहीं। ऐसे लगा ज्योति का सुराग

पुलिस ने ससुरालियों से पूछताछ की तो पता चला कि ज्योति किसी युवक से फोन पर बात करती थी। पुलिस ने सर्विलांस के जरिए जांच शुरू की तो पता चला कि ज्योति गांव कोडर निवासी गुलशन के संपर्क में थी। गायब होने से पहले उसकी फोन पर गुलशन से बात हुई थी। पुलिस ने गुलशन का पता लगाया तो उसके अहमदाबाद में होने का पता चला। एसपी ने एक टीम को अहमदाबाद रवाना किया। पुलिस को देखकर गुलशन फरार हो गया। ज्योति को मैनपुरी लाया गया। ज्योति ने एसपी से कहा कि पति उसे परेशान करता था। आए दिन मारपीट होने के कारण वह पति को छोड़कर चली गई थी। गुलशन ने उसकी मुसीबत में मदद की है। वह अच्छा लड़का है। पति के साथ जाने के लिए ज्योति ने इन्कार कर दिया। पुलिस ने उसे मायके वालों के सुपुर्द करने की बात कही है। तो किस महिला का था अज्ञात शव

ज्योति के सकुशल बरामद होने के बाद पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस के सामने नया प्रश्न खड़ा हो गया है कि आखिर बम्बा में मिला शव किसका था, जिसका अंतिम संस्कार भी हो गया। 'किसी निर्दोष को सजा न मिले, इसके लिए पुलिस जांच करती है। इस मामले में संदेह की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसलिए पुलिस ने कार्रवाई करने में तेजी नहीं दिखाई थी। पहले ज्योति को बरामद करने का प्रयास किया गया। तभी निर्दोष ससुरालीजन कार्रवाई से बच सके हैं'।

अजय शंकर राय, पुलिस अधीक्षक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.