प्रमाण-पत्र गलत हैं तो न हों परेशान, अब बोर्ड करेगा सुधार
संस्थागत और व्यक्तिगत दोनों के विद्यार्थियों की समस्या होगी दूर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जारी किए संशोधन कराने के निर्देश।
केस: एक
राजा का बाग की रहने वाली सुभाषिनी की इंटर की अंकतालिका में खुद के नाम की स्पेलिग गलत है। वह सही कराने के लिए इधर-उधर भटक रही है। वह इसे सही कराने के लिए विद्यालय और विभाग के चक्कर लगा रही है। शनिवार को वह इस संबंध में विभागीय बाबू से मिली, जिस पर उसे जल्द सही होने का भरोसा दिया है। केस: दो
घिरोर के गांव कल्होर पछां निवासी ईश्वरलाल का नाम हाईस्कूल और इंटर की अंकतालिका में गलत हो गया है। सही कराने के लिए विभाग में शपथ-पत्र जमा किया। इस गलती को सुधरवाने के नाम पर उनसे दो हजार रुपये ले लिए गए। मैनपुरी, जागरण संवाददाता। आपकी अंकतालिका या सनद में नाम, जन्मतिथि या अन्य गलती है तो आप परेशान न हों। अब ऐसी गलतियां विभाग जल्द दूर करने जा रहा है। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत 34 साल पुरानी भी गलतियों को सही कराया जाएगा। 1986 से अब तक के प्रमाण-पत्रों में होंगे सुधार
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के अंकपत्र और प्रमाण-पत्र में गलती से परेशान लोगों को अब राहत मिलेगी। बोर्ड के मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय में अब 34 साल पुराने प्रमाण-पत्र में भी सुधार कराया जा सकेगा। वर्ष 1986 से लेकर अब तक जिन लोगों ने मेरठ परिक्षेत्र के तहत आने वाले 17 जिलों से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की है, वह अपने अंकसूची और प्रमाण-पत्र में सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को परिषद के मुख्यालय का चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हर जिले में जिविनि लेंगे बैठक
राजकीय, सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों की संयुक्त बैठक हर जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक लेंगे। स्कूलों को निर्देश दिया जाएगा कि प्रमाण-पत्रों में गलती को नजरअंदाज करने के बजाय अपने स्तर से सुधार कराएं। इसके बाद स्कूल प्रमाण-पत्र छात्रों को प्रदान करेंगे। यदि छात्र-छात्राएं प्रमाण-पत्र ले चुके हैं, तो भी सुधार के लिए उनका सही मार्गदर्शन स्कूलों को ही करना है। 50 फीसद बर्तनी की गलती
मेरठ परिक्षेत्र में आने वाले 17 जिलों में हर साल 10 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं परीक्षा देते हैं। पहले महीनों संशोधन की भीड़ रहती थी। अब ऑन लाइन व्यवस्था के बाद करीब सात हजार संशोधन आते हैं। इनमें 50 फीसद बर्तनी की गलतियां होती हैं। जन्मतिथि में संशोधन अब बहुत कम हो चुके हैं। गलती हिदी और अंग्रेजी में अलग-अलग बर्तनी की भी है। इसीलिए परिषद ने इस साल से अग्रिम पंजीकरण और बोर्ड परीक्षा फार्म हिदी व अंग्रेजी दोनों में भरवाने शुरू किए हैं। ऐसे करें आवेदन
संस्थागत विद्यार्थी इसके लिए अपने स्कूल में जाकर फॉर्म भरकर संशोधन सुबूत के साथ प्रधानाचार्य को देंगे। इन आवेदनों को कॉलेज द्वारा संस्तुति के साथ बोर्ड के क्षेत्रीय सचिव को भेजा जाएगा। वहीं, व्यक्तिगत छात्र बोर्ड फार्म भरने वाले कॉलेज में आवेदन को देंगे, जहां से यह क्षेत्रीय सचिव को भेजा जाएगा।
प्रमाणपत्र के पीछे लिखा होता है कि प्रिसिपल विवरण की जांच करें और गलती होने पर उसमें सुधार करा कर ही छात्रों को दें। धीरे-धीरे यह व्यवस्था पटरी से उतरी गई थी। उसे सुधारने के लिए ही दोबारा सख्ती बरती जा रही है। मेरठ परिक्षेत्र कार्यालय में वर्ष 1986 से अब तक के संशोधन ठीक करने को आवेदन किए जा सकते हैं।
- सर्वेश कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक।