Move to Jagran APP

जिले में मेडिकल कालेज, गांव में खुले पाठशाला

गांव की कहानी सुल्तानगंज ब्लाक के गांव जसवंतपुर में जन सुविधाओं का अकाल सेहत के लिए नहीं है ठिकाना तालाबों पर अतिक्रमण है समस्या

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 05:55 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 05:55 AM (IST)
जिले में मेडिकल कालेज, गांव में खुले पाठशाला
जिले में मेडिकल कालेज, गांव में खुले पाठशाला

जासं, मैनपुरी: बुधवार को जिला मुख्यालय से बिछवां होकर रूपा देवी मंदिर से जागरण टीम करीब 18 किमी का सफर करने के बाद ब्लाक सुल्तानगंज की ग्राम पंचायत दलीपपुर कैलई का मजरा जसवंतपुर पहुंची। गांव के प्रवेश द्वार पर मौजूद विनोद कुमार मिले। गांव की जानकारी ली तो बोले, गांव में समस्याएं हैं, बच्चों के लिए पाठशाला तक नहीं है। बीमारों के लिए कोई सरकारी इलाज का इंतजाम नहीं होने से परेशानी होती है।

loksabha election banner

इतना सुनने के बाद यहां के श्रीराम इंटर कालेज में अलाव देखकर टीम रूक गई। अलाव के पास पहुंचे तो चुनावी चर्चा चल रही थी। यहां मौजूद कौशलेंद्र कुशवाह वर्तमान सरकार का पक्ष लेते हुए बोले, काम तो ठीक हुए। अब यह सरकार आए तो गांव के तालाबों से कब्जा जरूर हटाने का काम करे। तालाब सुरक्षित होने से भविष्य के लिए जल संरक्षण का काम भी होगा। इस बात को काटते हुए अखंड प्रताप कहने लगे, गांव में सरकारी पाठशाला नहीं है। ऐसे में बच्चे दूसरे गांव में पढ़ने जाते हैं। अब कोई सरकार आए, गांव को पाठशाला तो जरूर दे।

इस बात का समर्थन करते हुए देवेंद्र सिंह कहने लगे, गांव में सेहत के लिहाज से कोई एएमएन उप केंद्र तक नहीं है। बीमार और महिलाओं को इलाज के लिए दूर जाना पड़ता है। विकास के नाम पर भी गांव उपेक्षित है। विकास होने से पहचान बनती है। पंचायत के इस काम को विधायक को कराना चाहिए। मिथुन कुमार की इच्छा तो और बड़ी थी। उनका कहना था कि गांव में पाठशाला तो बननी ही चाहिए, जबकि जिले में मेडिकल कालेज की स्थापना भी हो, जिससे विकास का पहिया तेजी से चल सके। वैसे, बातचीत के दौरान ग्रामीणों की भावना भी मतदान के रुख को तय करती दिखी।

गांव के अंदर टीम गई तो सफाई का काम सही नहीं था, नालियां इसकी गवाही दे रही थीं। घर के बाहर काम में जुटी कमलेश का कहना था कि यहां तो सफाई ऐसे ही होती है। गांव में कई समस्याएं हैं, जिनको दूर करने की जरूरत है। फूलों की खेती से घिरे गांव की रानी तो जच्चा-बच्चा केंद्र चाहती थीं। उनका कहना था कि ऐसा होने से महिलाओं को लाभ होगा।

इससे पहले जागरण टीम गांव बिछवां में मुख्य सड़क पर चाय की दुकान पर रुकी तो चुनावी चर्चा पर ग्रामीण आपस में संवाद करने में जुटे थे। परिचय देकर नाम पूछा तो वीरेंद्र का कहना था कि गांव से निकलने वाली माइनर के फाटक कई साल से टूटे हैं, इनको सही कराने का समय किसी के पास नहीं। चुनाव आते ही सब समस्याएं दूर कराने की बात जरूर करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.