Move to Jagran APP

लंबी छुट्टी पर गए दो चिकित्सक, मरीजों की बढ़ीं मुश्किलें

मैनपुरी जासं। जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं एक बार फिर चरमराने लगी हैं। डॉ. गजेंद्र पाल सिंह और पैथोलॉजिस्ट डॉ. शशि कौशल प्रभा अचानक लंबी छुट्टी पर चले गए। कई दिनों से अनुपस्थित रहने वाले दोनों चिकित्सकों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इनके जाने से अस्पताल प्रशासन के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। हालांकि कोई भी इस पर कुछ खुलकर नहीं कह रहा है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह का कहना है कि दोनों चिकित्सक कई दिनों से अनुपस्थित हैं। वजह भी पता नहीं है। हमारे पास नौ चिकित्सक हैं। इन्हीं से चुनाव ड्यूटी भी कराई जा रही है और इन्हीं की मदद से मरीजों को उपचार भी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 10:22 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 10:22 PM (IST)
लंबी छुट्टी पर गए दो चिकित्सक, मरीजों की बढ़ीं मुश्किलें
लंबी छुट्टी पर गए दो चिकित्सक, मरीजों की बढ़ीं मुश्किलें

जासं, मैनपुरी: जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं एक बार फिर चरमराने लगी हैं। डॉ. गजेंद्र पाल सिंह और पैथोलॉजिस्ट डॉ. शशि कौशल प्रभा अचानक लंबी छुट्टी पर चले गए। कई दिनों से अनुपस्थित रहने वाले दोनों चिकित्सकों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इनके जाने से अस्पताल प्रशासन के सामने मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। हालांकि, कोई भी इस पर कुछ खुलकर नहीं कह रहा है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह का कहना है कि दोनों चिकित्सक कई दिनों से अनुपस्थित हैं। वजह भी पता नहीं है। हमारे पास नौ चिकित्सक हैं। इन्हीं से चुनाव ड्यूटी भी कराई जा रही है और इन्हीं की मदद से मरीजों को उपचार भी।

loksabha election banner

कहीं काम का बोझ तो वजह नहीं: अस्पताल के दूसरे चिकित्सकों का कहना है कि उन पर काम का अतिरिक्त बोझ है। एक-एक चिकित्सक सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी में तीन से 350 मरीज अकेले देख रहे हैं। उसके अलावा उनकी पोस्टमॉर्टम ड्यूटी, इमरजेंसी ड्यूटी और बाद में आपातकालीन कक्ष में रात ड्यूटी भी लगा दी जाती है। न तो आराम मिल रहा है और न ही छुट्टी। ऐसे में थकान के साथ तनाव अलग से है। यही वजह है कि चिकित्सक ठीक से काम नहीं कर पा रहे।

मात्र नौ चिकित्सकों के सहारे अस्पताल: जिला अस्पताल में इन दिनों सीएमएस, एक वरिष्ठ परामर्शदाता, दो फिजीशियन, एक निश्चेतक, एक सर्जन, एक अस्थि रोग विशेषज्ञ और एक बाल रोग विशेषज्ञ ही हैं। इनमें से अस्थि रोग विशेषज्ञ को सोमवार दिव्यांगता कैंप करना पड़ रहा है। इसके अलावा चुनाव को देखते हुए उन्हें मेडिकल बोर्ड भी शामिल कर दिया गया है। यही स्थिति सर्जन और फिजीशियन की भी है। ऐसे में जिला अस्पताल में ये चिकित्सक बमुश्किल दो से तीन घंटे ही बैठ पा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.