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फतेहजंगपुर में भी दुर्दशा के शिकार हुए तालाब

गांव फतेहजंगपुर के दो तालाब कीचड़ में तब्दील हो गए हैं। गंदगी और अनदेखी के कारण जलस्तर गिर गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 05:30 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 05:30 AM (IST)
फतेहजंगपुर में भी दुर्दशा के शिकार हुए तालाब

संसू, कुरावली, मैनपुरी : तालाबों की दुर्दशा की स्थिति लगभग जिले में एक सी ही है। विकास खंड कुरावली के गांव फतेहजंगपुर में स्थित दो तालाब अब गंदे नाले में तब्दील होते जा रहे हैं। अनदेखी की वजह से यहां गंदगी और अवैध कब्जों ने बड़ा हिस्सा कब्जा लिया, जिससे जलस्तर तेजी से गिरा। अब स्थिति यह है कि मवेशी भी यहां पानी पीने नहीं जाते।

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गांव के बीचोंबीच स्थित तालाब का रकबा लगभग 25 डेसीबल था। अवैध कब्जे के कारण अब दायरा सिमटकर 10 डेसीबल से भी कम हो चुका है। वहीं, गांव के दक्षिण दिशा में स्थित 16 बीघा का तालाब भी कब्जे की चपेट में है। देखरेख में अनदेखी की वजह से तालाब में जलस्तर लगातार गिर रहा है। पहले गांव की गलियों का रुख तालाब की ओर होने से पानी इकट्ठा होता रहता था। अब, ये छोटी नालियां पूरी तरह से खत्म कर दी गई हैं। तालाब तक पानी नहीं पहुंच रहा है। उधर, ग्रामीण जलस्तर बढ़ाने के भी कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। पूरे गांव की गंदगी यहीं तालाबों के किनारे लाकर फेंकी जा रही है। जलस्तर की गिरावट में यह भी एक बड़ी वजह रहा है। आज तक नहीं हुई तालाबों की सफाई

इन तालाबों की सफाई के लिए कोई प्रयास नहीं कराए गए। ग्राम प्रधान के स्तर से भी पहल नहीं हुई। ग्रामीणों ने भी कोई उत्सुकता नहीं दिखाई। इसका खामियाजा गिरते जल स्त्रोतों के रूप में सामने आ रहा है। हमारे जमाने में तालाब जिदगी का हिस्सा हुआ करते थे। कई तालाबों का पानी तो इतना ज्यादा साफ रहता था कि कई बार तो इसका पीने में भी इस्तेमाल कर लिया करते थे। मवेशी भी यहीं अपनी प्यास बुझाते थे। अब सब कुछ बदल गया है।

महादेवी, कुरावली तालाब की सफाई कराकर जलस्तर बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। इसके लिए गांव वालों को रुचि लेनी होगी। अधिकारियों को भी पहल करनी होगी। यदि समय रहते सकारात्मक प्रयास न हुए तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

शांति देवी, संकल्प

तालाब भूगर्भीय जल स्त्रोत को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं। हम इनकी मदद से जमीन में जलस्तर को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए बारिश के जल को तालाब तक पहुंचाने का रास्ता बनाना होगा। प्रयास करना होगा कि गांव की सभी छोटी नालियों का पानी भी तालाब में ही जाकर मिले। यदि बड़ी मात्रा में पानी के पहुंचने के प्रबंध हो जाएंगे तो धीरे-धीरे तालाब का जलस्तर सुधरने लगेगा। इसका बड़ा लाभ जमीन के जलस्तर पर भी पडे़गा।

सोनू पचौरी, व्यवसायी गिरते जलस्तर को दोबारा बढ़ाने के लिए हम सभी को मंथन करने की जरूरत है। इस बात को समझना होगा कि यदि भूगर्भीय जलस्तर में गिरावट होती है तो हम सबके सामने पेयजल संकट गहरा जाएगा। पीने का पानी भी खत्म हो जाएगा।

सौरभ पांडेय एड., नगला पजाबा भूगर्भीय जलस्तर को बढ़ाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को अपनाने की जरूरत है। हमें बारिश के जल को संचित करने के प्रयास करने होंगे। इसके लिए प्रत्येक घर, मकान और दुकान में इस सिस्टम को लगवाकर उसकी मदद लेनी होगी।

रोहित दीक्षित, संसारपुर। बारिश में बड़ी मात्रा में पानी सड़कों पर बेकार बह जाता है। इस पानी को सहेजने की प्रणाली विकसित कर उसके अनुसार काम करने होंगे। भूगर्भीय जलस्तर में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। ताकि स्थितियां सुधर सकें।

आशीष सक्सेना, मुहल्ला सौतियाना


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