कपटी मनुष्य का भगवान साथ नहीं देते
भीमसेन मंदिर में पांच दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव आयोजन का शुभारंभ किया गया। विद्वानों ने संत सम्मेलन में भक्ति की गंगा बहाई।
जासं, मैनपुरी : भीमसेन महाराज मंदिर में महाशिवरात्रि महोत्सव के तहत पांच दिवसीय संत सम्मेलन एवं प्रवचन कार्यक्रम भगवान भोलेनाथ के पूजन अर्चन के साथ शुरू हो गया। पहले दिन अन्य जिलों से आए विद्वानों ने भक्ति रस की गंगा बहाई। उरई से आईं मिथिलेश दीक्षित ने कहा कि कपट करने वाले मनुष्य का भगवान कभी साथ नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान ने आपको मनुष्य जन्म दिया है, इसलिए जीवन में कभी किसी से भी कपट नहीं करना चाहिए। कपट करने से अपने तो रुठ ही जाते हैं, भगवान भी मानव का साथ छोड़ देते हैं। स्वामी प्रेमदास भदौरिया सूरदास ने कहा कि मनुष्य के प्रभु राम की शरण में जाने मात्र से ही उसके जन्मों-जन्मों के कष्ट और दुख मिट जाते हैं। मानस मर्मज्ञ डा. रामबाबू पाठक ने कहा कि मानव जीवन का उद्धार रामकथा का श्रवण करने से ही होता है। भगवान राम के आदर्शों को जीवन में उतारें। मनुष्य रूप में अवतार लेने पर भगवान ने भी आम मानव की तरह लीलाएं की हैं। आचार्य तिलकेंद्र शेखर त्रिपाठी ने कहा कि कथा पंडाल में आने से पहले अपने मन को पवित्र कर लेना चाहिए, क्योंकि निर्मल मन सो मोहि पावा, मोहि कपट छल छिद्र ना भावा। सत्संग में सुखासन से बैठना चाहिए। जहां तक संभव हो जमीन पर बैठना चाहिए। हरदोई के आचार्य डा. पंकज मिश्र मयंक ने कहा कि संतों के सानिध्य से ही मनुष्य को भगवान की प्राप्ति होती है। मानव को अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ समय निकालकर संत और विद्वान जनों के साथ सत्संग में प्रतिभाग करना चाहिए।
इससे पूर्व सुरेंद्र चक्कर ने भगवत भजनों से पावन धाम में भक्तिमय माहौल बनाया। इस मौके पर महंत साहिबलाल तिवारी, पं. जगन्नाथ मिश्र, पं. अनुज तिवारी, कुंवर बहादुर भदौरिया, वीरसिंह भदौरिया, देवेंद्र सिंह कुशवाह, अरुण भदौरिया, मूलचंद सक्सेना, शिवनंदन वर्मा, दीपांशु बाजपेयी, विनोद गुप्ता, धीरज मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन आचार्य अभिषेक मिश्रा ने किया।