रफ्तार पकड़ेंगे पुल, सड़कों में नहीं लगेंगे हिचकोले !
सरकार के बजट के बाद जागी उम्मीद, विभाग कर रहे हैं डिमांड भेजने की तैयारी।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। प्रदेश सरकार ने बजट में खजाना खोला तो रुकी परियोजनाओं के रफ्तार की आस जाग गई है। अधूरे पडे़ पुलों के निर्माण से लेकर गांवों और बसावटों को संपर्क मार्गों से जोड़ने के लिए भारी भरकम बजट जारी किया है। बजट के बाद विभागीय अधिकारी स्थानीय निर्माण कार्यों का खाका तैयार करने जा रहे हैं। इसमें तय किया जाएग कि कहां-कहां पर सड़कों का निर्माण कराया जाना है।
वर्तमान में लोनिवि प्रांतीय खंड की ओर से बनवाई जा रहीं सड़कों में से वित्तीय वर्ष 2016-17 में स्वीकृत हुईं तीन सड़कें बजट के अभाव में रुकी पड़ी हैं। गांगसी नहर के पास मानपुर पुलिया से रानीपुर तक चार किमी लंबी, बेवर-इटावा मार्ग पर कुसमरा पेट्रोल पंप से माइनर की पटरी तक चार किमी लंबी और गांगसी रजवाह पर नगला अनी से शंकरपुर तक 900 मीटर लंबी सड़क अधूरी पड़ी है। अधिशासी अभियंता वीरेंद्र कुमार का कहना है कि इनके निर्माण के लिए 4.709 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। इसमें से सिर्फ 1.5 करोड़ रुपये ही जारी किए गए। अब भी 3.20 करोड़ रुपये की जरूरत है। अब बजट से इन कार्याें के लिए राशि मिलने की भी उम्मीद जताई जा रही है। मात्र 40 फीसद ही बन सका ईशन नदी का पुल: शहर में देवी रोड में ईशन नदी पर सेतु का निर्माण होना है। 596.31 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल के लिए 31 मार्च 2018 को 320.82 लाख और फिर एक अप्रैल 2018 को 111.33 लाख रुपये भेजे गए थे। 17 जुलाई 2018 को काम शुरू कराया गया जिसे हर हाल में अक्टूबर 2018 तक पूरा कराया जाना था, लेकिन बजट का अभाव बता काम की रफ्तार ही रोक दी गई। अब तक मात्र 50 फीसद काम ही पूरा हो पाया है। बदतर है गांवों की राह: तहसील क्षेत्र घिरोर में नहर की पटरी से नगला सिकरवार तक की सड़क पर दस वर्षों से कोई मरम्मत नहीं हुई। यह सड़क कच्ची पड़ी है। औंछा थाना क्षेत्र के अंतर्गत पाड़म रोड से गांव नगला मनी जाने वाला संपर्क मार्ग बदहाल है। 10 वर्षों से लगातार ग्रामीण प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। तहसील क्षेत्र करहल में बरनाहल मार्ग बीते दो वर्षों से बदहाल पड़ा है। करहल-गढि़या संपर्क मार्ग पर के निर्माण और मरम्मत के लिए भी तीन वर्षों से मांग की जा रही है।