'मेरी भैंस चोरी हो गई, फोन का रिचार्ज खत्म हो गया है', अग्निशमन विभाग के टोल फ्री नंबर पर आ रहे ऐसे काल
अग्निशमन विभाग कार्यालय स्थित कंट्रोल रूम में कालर की शिकायत के लिए जारी किया टोल फ्री नंबर। कोई भैंस तो कोई रीचार्ज को कर रहा फोन। अग्निशमन विभाग के टोल फ्री नंबर पर आ रहीं फर्जी काल। पुलिसकर्मियों का काम करना हो रहा मुश्किल।
मैनपुरी, जागरण टीम। गर्मी के साथ ही अग्निशमन विभाग के टोल फ्री नंबर पर फर्जी शिकायतों की संख्या बढ़ने लगी है। टोल फ्री नंबर 101 पर कालर अजीब-अजीब तरह की शिकायत करते हैं। कोई भैंस चोरी हो जाने की समस्या बताता है तो कोई फोन रीचार्ज के बारे में पूछता है। चौबीस घंटे कंट्रोल रूम में इमरजेंसी सेवा पर बैठने वाले पुलिसकर्मी भी ऐसे कालर्स से परेशान हैं।
अग्निशमन विभाग द्वारा टोलफ्री नंबर 101 जारी किया
आगजनी या बड़े हादसे से संबंधित सूचना के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा टोलफ्री नंबर 101 जारी किया गया है। यह इमरजेंसी नंबर है, लेकिन बड़ी संख्या में फर्जी काल ही आती हैं। कंट्रोल रूम में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का कहना है कि इन दिनों चौबीस घंटे में लगभग 70 से 100 काल आ जाती हैं, लेकिन इनमें 10 से 12 ही जरूरी होती हैं। शेष काल फर्जी होती हैं।
ये हैं अग्निशमन विभाग के इमरजेंसी नंबर
- 101 टोलफ्री नंबर है अग्निशमन विभाग का।
- 05672-234311 है लैंडलाइन टोलफ्री नंबर।
- 9454418467 है अग्निशमन विभाग का सीयूजी नंबर।
इन नंबरों पर करें ये शिकायत
- 101 पर सिर्फ आगजनी से संबंधित।
- 112 किसी भी प्रकार की सूचना के लिए।
- 108 एंबुलेंस सेवा।
- 102 गर्भवती महिलाओं के लिए या डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए।
- 1090 वुमेन पावर लाइन 139- रेलवे इंक्वायरी
ये है स्थिति
70 से 100 काल प्रतिदिन आती हैं। 10 से 12 ही होती हैं जरूरी।
ऐसा न करें
टोलफ्री नंबर सिर्फ इमरजेंसी सूचनाओं के लिए ही होते हैं। फर्जी कालर के लाइन पर होने से उस समय पर हुई कोई भी बड़ी सूचना की जानकारी नहीं मिल पाती क्योंकि वास्तविक पीड़ित को लाइन पर बिजी टोन सुनाई देती है। सिर्फ आगजनी या बड़े हादसों की ही सूचना दें।
फर्जी काल से जरूरतमंद तक मदद नहीं पहुंच पाती है। सभी से यही अपील है कि सिर्फ आगजनी की घटना से संबंधित फोन ही करें। यदुनाथ सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी