नकल के बोल से खुल जाएगी पोल
पिछली परीक्षा में इसी दांव से नकल माफिया ने दी थी योगी सरकार की कोशिशों को मात, अब सीसीटीवी कैमरों संग वॉयस रिकार्डर भी अनिवार्य, कैद होगी परीक्षा कक्ष की हर आवाज।
दिलीप शर्मा, मैनपुरी: योगी सरकार ने अब बोर्ड परीक्षा में नकल माफिया के उस दांव को भी मोथरा करने का रास्ता तलाश लिया है जो अब तक अकाट्य माना जाता रहा था। कक्ष निरीक्षक बोल-बोल कर नकल कराते थे। सचल दलों की तो बात छोड़िए, पिछली बोर्ड परीक्षा में सीसीटीवी कैमरे लगाने के बाद भी नकल का यह तरीका फेल नहीं हुआ था। इस बार वॉयस रिकार्डर भी साथ में लगाए जा रहे हैं। ऐसे में गुरुजी ने नकल के बोल बोले, तो उनकी पोल खुलना तय है।
बोर्ड परीक्षाओं में जिले में बड़े पैमाने पर नकल का खेल चलता रहा है। कई सालों से शिक्षा विभाग तो दूर प्रशासन भी इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा था। बीते साल भाजपा की सरकार ने सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित कई कड़े इंतजाम किए थे, पर नकल पूरी तरह रुक नहीं पाई थी। इस बार वॉयस रिकार्डर लगने से परीक्षा कक्ष में होने वाली हर बातचीत भी रिकार्ड हो जाएगी। विभाग पेपर के बाद सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के साथ इस रिकार्डिंग की भी जांच करेगा। इससे नकल कराने का मामला आसानी से पकड़ में आ जाएगा। ऐसे होगी जांच: सीसीटीवी कैमरे और वॉयस रिकार्डिंग की रैंडम जांच होगी। जिस केंद्र की कोई शिकायत होगी या कुछ संदिग्ध लगेगा उसकी पूरी रिकार्डिंग सुनी जाएगी। कई दिन बाद में शिकायत होने पर भी रिकार्डिंग से खेल पकड़ में आ जाएगा। कक्ष निरीक्षकों की भी कड़ी स्क्री¨नग: नकल के इस खेल के लिए माफिया सबसे पहले अपने मनमाफिक लोगों की कक्ष निरीक्षक के रूप में तैनाती कराते हैं। इस बार भी कोशिश है कि सहायता प्राप्त या राजकीय स्कूलों के शिक्षक कक्ष निरीक्षक बनें। इसके बाद परिषदीय शिक्षकों को जिम्मा दिया जाएगा। इसमें कमी रहने पर निजी स्कूलों के शिक्षक लिए जाएंगे। उनकी पूरी शैक्षिक जानकारी के साथ संबंधित स्कूल में हाजिरी का छह माह का रिकार्ड भी देखा जाएगा।