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अधूरे बने हैं विद्यालयों के शौचालय

स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनवाने को केंद्र और राज्य सरकार धनराशि आवंटित कर रही हैं। लेकिन हकीकत देखी जाए तो वह पोल खोल रही है। शौचालय के लिए जमीन में खोदे गए गड्ढे इसकी हकीहत बयां कर रहें। यहां के प्रथामिक विद्यालयों में अधूरे टायलेट अभी भी हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 11:21 PM (IST)
अधूरे बने हैं विद्यालयों के शौचालय
अधूरे बने हैं विद्यालयों के शौचालय

संसू दन्नाहार (मैनपुरी): सरकार ने परिषदीय विद्यालयों का जिम्मा ग्राम प्रधान और सचिव के हवाले कर दिया है, जिससे विद्यालयों की हालत सुधर जाए। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। शौचालय के लिए जमीन में खोदे गए गड्ढे इसकी हकीहत बयां कर रहे हैं।

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क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अवाहार में आठ माह पहले शौचालय बनवाया गया था, जो आज तक अधूरा पड़ा है। शौचालय के गड्ढे भी पूरे नहीं बनाए गए। उन्हें खुला ही छोड़ दिया गया है। विद्यालय में विद्यार्थियों के गड्ढों में गिरने की भय बना रहता है। चहारदीवारी भी टूटी पड़ी है। जिससे बेसहारा पशु विद्यालय परिसर में ही विचरण करते हैं। प्रधानाध्यक अवधेश यादव का कहना है कि कई बार ग्राम प्रधान व उच्च अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

यही हाल प्राथमिक विद्यालय मढ़इया का है। यहां भी आठ माह पहले शौचालय बनवाया गया था। जो मानकविहीन हैं। विद्यालय के छात्र-छात्राएं खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। प्राथमिक विद्यालय प्रथम व द्वितीय कल्होर पर भी शौचालय बदहाल हैं। प्रधानाध्यक प्रथम कौशलेंद्र कुमार व द्वितीय के प्रधानाध्यापक बलबीर ¨सह का कहना है कि शौचालय के साथ ही हैंडपंप भी खराब पड़े है। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय कंजाहर का भी शौचालय बदहाल है।


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