रोडवेज सेवा ध्वस्त, मुश्किल में तय किया सफर
रक्षाबंधन पर अतिरिक्त बसों का सरकारी दावा फेल घंटों बसों का इंतजार भटकते रहे यात्री।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। रक्षाबंधन के त्योहार पर सरकार ने अतिरिक्त बसें चलाने का दावा किया था। लेकिन, ये आदेश हवा हवाई नजर आए। त्योहार के दिन ही नहीं, बल्कि रविवार को भी रोडवेज बसें नजर ही नहीं आई। यात्री घंटों बसों का इंतजार करते रहे। कुछेक बसें आई भी, लेकिन भीड़ अधिक होने के चलते मारामारी के हालात बन गए। अनेक महिलाओं को तो प्राइवेट वाहनों से ही सफर करना पड़ गया। इस किल्लत के चलते महिलाओं और बच्चों को खासी परेशानी उठानी पड़ गई।
त्योहार मनाने के बाद रविवार को लोग वापस लौटने के लिए घरों से निकले तो बसों का टोटा दिखा। शहर में बस स्टैंड से बसें ही गायब थी। आगरा, दिल्ली, इटावा, कानपुर, लखनऊ, फर्रुखाबाद रूटों पर जाने वाले यात्रियों को बसों के लिए दो से तीन घंटे इंतजार करना पड़ा। डिपो पर खड़ीं बसों को चालक-परिचालकों की कमी बताकर संचालित करने से इन्कार कर दिया गया। स्थिति यह रही कि सवारियों को लंबी दूरी की बसों में लटककर गंतव्य के लिए रवाना होना पड़ा। यात्रियों की भीड़ के बावजूद विभागीय अधिकारी दिन भर बस स्टेशन पर नजर नहीं आए। बाइपास होकर गुजरीं बसें
दिल्ली, लखनऊ से आगरा और आगरा से होकर दिल्ली, लखनऊ की ओर जाने वाली ज्यादातर बसों को चालक बस स्टैंड नहीं ले गए। उन्हें बाइपास होते हुए ईशन नदी तिराहा से होकर गुजार दिया गया। विभागीय लापरवाही की वजह से यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा। 10 बजे के बाद गहराई दिक्कत
सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक बसों की किल्लत बनी रही। आगरा और दिल्ली के लिए बसों के इंतजार में सवारियां भटकती रहीं। तीन-तीन घंटों पर यात्रियों को वाहनों का इंतजार करना पड़ा। बस स्टेशन पर बनाए गए कंट्रोल रूम द्वारा भी सवारियों को कोई सटीक जानकारी नहीं दी गई।