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बनने के साथ ही चर्चाओं में आई सड़क, उठने लगे सवाल

100 शैय्या विग परिसर में ईंटें नहीं बिछवाई जा रहीं है। अस्पताल प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 06:28 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 06:28 AM (IST)
बनने के साथ ही चर्चाओं में आई सड़क, उठने लगे सवाल

मैनपुरी, जासं। कई वर्षों से बदहाल पड़ी सड़क बनने के साथ ही चर्चाओं में आ गई है। 100 शैय्या विग परिसर को छोड़कर सीधे रास्ते में बिछवाई जा रही इंटरलाकिग से अस्पताल प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगने लगा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन इसे निराधार बता रहा है।

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टीबी अस्पताल से लेकर एएनएम ट्रेनिग सेंटर तक लगभग 200 मीटर लंबी सड़क को इंटरलाकिग कराया जा रहा है। इसके लिए लगभग 22 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। सात मीटर चौड़ी इस सड़क के निर्माण का काम ठेकेदार को सौंपा गया है। निर्माण कार्य को लेकर आवाज इसलिए शुरू हुई है क्योंकि 100 शैय्या परिसर को छोड़ दिया गया है। असल में जिस रास्ते से सड़क गुजारी जा रही है, वहीं 100 शैय्या विग भी बना हुआ है। जिम्मेदारों को कहना है कि अधूरी सड़क होने की वजह से मरीजों की समस्या जस की तस ही रहेगी। इस निर्माण में मनमानी बरती जा रही है। निर्माण कार्य में छोडे़ गए विग को भी शामिल करना था। उखड़ने लगीं ईंटें

सीमेंट की ईंटें सही ढंग से लगी रहें। इसके लिए पहले सड़क के दोनों किनारों पर ईंटों को लगाया गया है, लेकिन इन ईंटों को चिपकाने के लिए सीमेंट का इस्तेमाल इतना कम हुआ है कि अब किनारों की ईंटें उखड़ चुकी हैं। जिससे इंटरलाकिग प्रभावित होने लगी है। 100 शैय्या के लिए आने वाले मरीजों को जिन वाहनों से लाया जाता है वे किनारे पर पहुंचते ही दोबारा कच्चे रास्ते में आ जाते हैं। इससे किनारे की ईंटें वाहनों के वजन से टूटने लगी हैं।

हमने कहा था कि 100 शैय्या के खाली हिस्से को भी शामिल करा लें, लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा हमारी मांग को अनसुना कर इस हिस्से का निर्माण हम पर ही छोड़ दिया। अधूरे निर्माण से नुकसान तो मरीजों को ही होना है। मांग की गई है कि खाली हिस्से की इंटरलाकिग भी करा दी जाए।

डा. एके पचौरी, सीएमएस महिला अस्पताल।

बजट बनाते समय बात की गई थी, लेकिन उस वक्त महिला अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई ठीक जवाब नहीं दिया गया था। हमें काम कराना था, लिहाजा इस निर्माण को शामिल करा दिया गया। यदि अस्पताल प्रशासन चाहे तो कोशिश कर सकते हैं। आरोप बेबुनियाद हैं।

डा. आरके सागर, सीएमएस, जिला अस्पताल।


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