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पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसक 85 वर्ष की बिट्टन देवी ने बदला इरादा, अब बेटों को ही देंगी जमीन

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में अपने तीन बेटों और बहुओं के व्यवहार से नाखुश होकर अपनी साढ़े 12 जमीन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करने पर अड़ीं बिट्टन देवी का रुख दो दिन बाद बदल गया। समझाने पर उन्होंने बेटों को ही जमीन देने की बात कही।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 09:24 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 09:35 PM (IST)
अपनी जमीन को प्रधानमंत्री के नाम करने पर अड़ीं मैनपुरी की बिट्टन देवी का रुख आखिर बदल गया है।

मैनपुरी, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में अपने तीन बेटों और बहुओं के व्यवहार से नाखुश होकर अपनी साढ़े 12 जमीन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करने पर अड़ीं 85 वर्षीय बिट्टन देवी का रुख आखिर दो दिन बाद बदल गया। स्वजन द्वारा की जा रही खुशामद और तहसीलदार के समझाने पर उन्होंने बेटों को ही जमीन देने की बात कही। हालांकि कहा कि मोदी की योजनाओं से वह बहुत खुश हैं।

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किशनी तहसील के गांव चितायन निवासी वृद्धा कुंवरि उर्फ बिट्टन देवी ने बुधवार को तहसील पहुंच अपनी साढ़े 12 बीघा जमीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करने की बात कही थी। मायके चितायन में रह रहीं बिट्टन देवी के पति की पांच साल पहले मौत हो चुकी है। उनके तीन बेटे हैं। सभी की शादी हो चुकी है और चितायन में ही रहते हैं। बुधवार को बिट्टन देवी ने कहा था कि बेटे-बहुएं उनका ख्याल नहीं रखते। प्रधानमंत्री की योजनाओं से मिलने वाली आर्थिक मदद से उनका गुजारा चलता है। उनको प्रधानमंत्री पर अपने बेटों से ज्यादा भरोसा है। इसीलिए वह अपना साढ़े बारह बीघा का पूरा खेत उनके नाम करना चाहती हैं।

गुरुवार को भी बिट्टन देवी अपने फैसले पर अड़ी रही थीं। उनके तीनों बेटे एसडीएम रामसकल मौर्य से भी मिले थे। उन्होंने अपनी मां की मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात कही थी। शुक्रवार दोपहर में तहसीलदार सुशील कुमार ने बिट्टन देवी को उनके घर जाकर समझाया। आखिर, बिट्टन देवी ने अपना फैसला बदल दिया और बेटों को ही जमीन देने की बात कह दी। वृद्धा के फैसला बदलने के बाद तहसीलदार सुशील कुमार ने ग्रामीणों के सामने ही उनका बयान दर्ज किया। इस मौके पर रजिस्ट्रार कानूनगो अजीत यादव, प्रधान प्रतिनिधि ध्रुव शाक्य आदि भी मौजूद थे।

बता दें कि बिट्टन देवी इन दिनों इलाके में चर्चा का केंद्र बनी हैं। वृद्धा के पति की मौत हो चुकी है। उनके तीन बेटे और बहुएं हैं। बुधवार को वह तहसील में अधिवक्ता कृष्णप्रताप सिंह चौहान के बस्ते पर जा पहुंचीं। बोलीं, मेरे बेटे ठीक से खयाल नहीं रखते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई पेंशन योजना से जीवन-यापन हो रहा है। वह मोदी के कामों से खुश हैं। इस कारण अपनी साढ़े 12 बीघा जमीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि बेटे और बहू ख्याल नहीं रखते। कोरोना काल में खाद्य सामग्री, फसल ओलावृष्टि आदि के तहत लाभ मिला है। किसान सम्मान योजना में भी आर्थिक मदद मिली। इसके चलते ही उन्होंने यह फैसला लिया है।


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