टायफाइड की जांच को भी प्राइवेट पैथोलॉजी का रुख
मैनपुरी जासं। बदलते मौसम का असर अब सेहत पर भी दिख रहा है। बुखार के मरीजों की तादाद बढ़ रही है लेकिन जिला अस्पताल के हालात सही नहीं हैं। अस्पताल की सरकारी लैब में जांच की व्यवस्था न होने की वजह से टायफाइड और डेंगू के संभावित मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी की ओर रुख करना पड़ रहा है।
जासं, मैनपुरी: बदलते मौसम का असर अब सेहत पर भी दिख रहा है। बुखार के मरीजों की तादाद बढ़ रही है, लेकिन जिला अस्पताल के हालात सही नहीं हैं। अस्पताल की सरकारी लैब में जांच की व्यवस्था न होने की वजह से टायफाइड और डेंगू के संभावित मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी की ओर रुख करना पड़ रहा है।
मौसम परिवर्तन की मार ने बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से रोजाना बुखार और दूसरे लक्षणों के अस्पताल में पांच से छह सौ मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें से ज्यादातर में टायफाइड का संदेह जता चिकित्सक जांच के लिए लिख रहे हैं। लेकिन, अस्पताल में संचालित लैब में टायफाइड की जांच को किट के इंतजाम ही नहीं हैं। ऐसे में मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच करानी पड़ रही है। 300 से 600 रुपये आ रहा खर्च
टायफाइड की पुष्टि के लिए विडाल टेस्ट करने को निजी पैथोलॉजी पर स्लाइड जांच के 80 से 100 रुपये देने पड़ रहे हैं, जबकि इसी जांच को किट के जरिए कराने के लिए मरीजों को 300 से 350 रुपये देने पड़ रहे हैं। डेंगू जांच के लिए तो 600 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। खत्म हो चुकी हैं किट
अस्पताल के सूत्रों का ही कहना है कि कुछ दिनों से टायफाइड किट खत्म हो चुकी है। डेंगू की जांच के लिए तो अभी तक कोई किट भेजी ही नहीं गई है। सामान्य स्लाइड की मदद से मरीजों की जांच कराई जा रही है। बीमारियों को देखते हुए किट की मांग की गई है। जल्द ही उपलब्धता होते ही मरीजों को यह सुविधा भी दी जाएगी।
डॉ. आरके सागर
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
जिला चिकित्सालय, मैनपुरी।