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मतदान में आगरा-एटा से आगे निकला जिला

मैनपुरी जासं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए हुए मतदान में जिले के मतदाताओं ने खूब उत्साह दिखाया। जिले के मतदाताओं ने आगरा और पड़ोसी एटा जिले को भी पीछे छोड़ दिया। इस बार जिले के मतदाताओं ने पिछले पंचायत चुनाव के दौरान किए गए मतदान फीसद को भी पीछे छोड़ दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 06:00 AM (IST)
मतदान में आगरा-एटा से आगे निकला जिला

जासं, मैनपुरी: त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए हुए मतदान में जिले के मतदाताओं ने खूब उत्साह दिखाया। जिले के मतदाताओं ने आगरा और पड़ोसी एटा जिले को भी पीछे छोड़ दिया। इस बार जिले के मतदाताओं ने पिछले पंचायत चुनाव के दौरान किए गए मतदान फीसद को भी पीछे छोड़ दिया है।

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कोरोना के साए तले पंचायत चुनाव कराए गए, लेकिन मतदाताओं की संख्या में गिरावट दर्ज नहीं हुई। कोरोना महामारी के बावजूद 75 फीसद मतदान के लिए अपने घरों से निकले। जिले में 2085 बूथों के दस फीसद बूथ ऐसे रहे, जहां 90-95 फीसद मतदान हुआ। पांच फीसद बूथ ऐसे रहे, जहां 40 फीसद से कम मतदाता वोट डालने पहुंचे।

पंचायत चुनाव से गांव का हर दूसरा व्यक्ति सीधा जुड़ा होता है। इस कारण लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुकाबले पंचायत चुनाव में भारी मतदान होता है। इस बार भी यही नजारा देखने को मिला। ग्राम प्रधान पद के उम्मीदवारों के समर्थन के लिए मुंबई, दिल्ली, मप्र, गुजरात समेत अन्य स्थानों पर काम करने वाले प्रवासियों ने यहां आकर मतदान किया।

पंचायत मतदान में मैनपुरी जिला सबसे आगे है। प्रथम चरण में आगरा में 71.61 फीसद मतदान हुआ। दूसरे चरण में मैनपुरी और एटा में मतदान हुआ। इसमें जिले के मतदाताओं ने 74.29 फीसद मतदान कर पड़ोसी एटा को पीछे छोड़ा। एटा में 73.55 फीसद मतदान हुआ है।

पिछले चुनाव से अधिक रहा फीसद

इस बार मतदान में जिले के मतदाताओं ने फिर श्रेष्ठता साबित करते हुए बीते रिकार्ड को सुधारा है। पांच साल पहले हुए पंचायत चुनाव में जिले में करीब 72 फीसद वोट पड़े थे, जबकि इस बार 74.29 मतदाताओं ने मताधिकार किया। गांव-गांव खेमों में चल रही वोटिंग की कयासबाजी

जासं, मैनपुरी: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान के बाद अब गांवों में चौपालों पर चुनावी चर्चे शुरू हो गए हैं। सुबह-शाम सजने वाली चौपालों पर वोटों का हिसाब लगाया जाने लगा है। सुबह से किसी की कार को दौड़ाया जा रहा है तो कैंची के भी खूब चलने की चर्चा हो रही है। समर्थक आंकडों से मैदान सजा रहे हैं। हकीकत तो दो मई को होने वाली मतगणना में सामने आएगी।

पंचायत चुनाव में इस बार सबसे जोरदार मुकाबला प्रधान और जिला पंचायत सदस्य पदों पर हुआ है। जिले में 549 प्रधान पदों के लिए इस बार 4850 दावेदार मैदान में थे, जबकि जिला पंचायत सदस्य की 30 सीटों के लिए 367 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे। मतदान के बाद अब सभी गांवों में चौपालें सजने लगी हैं। कोई कार को दौड़ा रहा है तो कोई कैंची को भी खूब चलना बता रहा है। इसी तरह मजबूत प्रत्याशियों के बारे में चर्चाएं तेज हो गई हैं। कयास चाहे जो हों, लेकिन असलियत दो मई को होने वाली मतगणना में सामने आएगी। इसी दिन जिला पंचायत के लिए दिग्गजों के के दावे को मुकाम मिलेगा।


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