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चार प्लांट से साढे़ 18 लाख लोगों को मिल सकेगी आक्सीजन

तीसरी लहर की कितनी तैयारी जिले में स्थापित हो रहे आक्सीजन प्लांट एक शुरू तीन निर्माणाधीन

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 06:05 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 06:05 AM (IST)
चार प्लांट से साढे़ 18 लाख लोगों को मिल सकेगी आक्सीजन

जासं, मैनपुरी: कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा समस्या आक्सीजन को लेकर हुई थी। मैनपुरी ही क्या, आसपास के जिलों में भी आक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहे थे। लोग एक सिलेंडर के लिए मुहमांगी कीमत देने को तैयार थे। उस संकट से जूझने के बाद अब प्रशासन ने तीसरी लहर की आशंका को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध कराए हैं। अगर तीसरी लहर आती है तो कम से कम आक्सीजन को लेकर मारामारी नहीं होगी। जिले में अलग-अलग निधियों से चार आक्सीजन प्लांट स्थापित कराए जा रहे हैं। सीएमओ डा. पीपी सिंह का कहना है कि 100 शैया अस्पताल के पीछे जन प्रतिनिधियों की निधि द्वारा आक्सीजन प्लांट स्थापित कराया गया है। इसका संचालन शुरू हो चुका है। फिलहाल एल-2 आइसोलेशन अस्पताल में आक्सीजन की सप्लाई पाइप लाइन द्वारा कराई जा रही है। इसके अलावा 100 शैया अस्पताल परिसर में ही महिला अस्पताल के लिए और जिला अस्पताल परिसर के पार्क में जिला अस्पताल के लिए दो अन्य प्लांट निर्माणाधीन हैं। प्रयास है कि 15 अगस्त से पहले इन दोनों को भी चालू करा लिया जाए। सीएचसी भोगांव में भी प्लांट निर्माण का कार्य चल रहा है। जल्द ही यह भी पूरा हो जाएगा। इनके द्वारा हुई व्यवस्था

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जनप्रतिनिधियों द्वारा उपलब्ध कराई गई धनराशि की मदद से 100 शैया के पीछे प्लांट को संचालित कराया गया है।

-पीएम केयर फंड द्वारा जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और सीएचसी भोगांव में तीन प्लांटों का निर्माण कराया जा रहा है। एक मिनट में 500 एलपीएम आक्सीजन की है क्षमता

100 शैया के पीछे स्थापित आक्सीजन प्लांट की क्षमता सबसे ज्यादा है। इस प्लांट से एक मिनट में 500 एलपीएम (लीटर पर मिनट) गैस को भरा जा सकता है। यह एडवांस प्लांट है जो स्वचालित ढंग से काम करता रहेगा। 24 घंटों में भर जाएंगे 102 जंबो सिलेंडर

प्लांट की मदद से 24 घंटों के अंदर 102 जंबो सिलेंडरों को आसानी से भरा जा सकता है। एक जंबो सिलेंडर चार छोटे सिलेंडरों के बराबर होता है। कालाबाजारी पर नजर रखेगा प्रशासन

आक्सीजन की कालाबाजारी न हो, इसके लिए पहले से ही जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह द्वारा व्यवस्था कराई गई है। जिले में दो प्राइवेट ठेकेदारों के माध्यम से आक्सीजन के सिलेंडरों की सप्लाई का काम किया जाता है। प्रशासन द्वारा इन दोनों की ही लगातार मानीटरिग कराई गई है। स्पष्ट हिदायद दी गई है कि यदि आक्सीजन की कालाबाजारी के मामले में कोई भी शिकायत मिलती है तो जांच कराई जाएगी। जांच में यदि मामला सही पाया गया तो निश्चित कार्रवाई कराई जाएगी। री-फिलिग के लिए कराएंगे प्रयास

सीएमओ डा. पीपी सिंह का कहना है कि अभी तक इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं कि प्लांट से प्राइवेट व्यक्ति को सिलेंडर दिए जा सकते हैं या नहीं, लेकिन इस संबंध में उच्चाधिकारियों की राय ली जाएगी। हमारा प्रयास होगा कि ऐसी व्यवस्था हो सके कि जरूरत पड़ने पर यदि कोई व्यक्ति अपना खाली सिलेंडर लेकर आता है तो उसे प्लांट से उसकी आवश्यकता के अनुसार आक्सीजन दी जाए। इसके लिए जरूरतमंद को डाक्टर की पर्ची, अपना आधार कार्ड व अन्य जो भी निर्धारित किए जाएं वे प्रमाण पत्र दिखाने होंगे। इसके बारे में विस्तृत जानकारी तो गाइडलाइन आने के बाद ही दी जा सकती है।


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