Move to Jagran APP

डार्क जोन से बाहर नहीं निकल सका बरनाहल ब्लाक

कैच द रेन जल शक्ति अभियान के बाद भी जागरूक नहीं हो सके हैं ग्रामीण सरकारी हैंडपंपों में सबमर्सिबल पंप डालकर खींचा जा रहा धरा से जल

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 06:44 AM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 06:44 AM (IST)
डार्क जोन से बाहर नहीं निकल सका बरनाहल ब्लाक

जासं, मैनपुरी: जल है तो आज है, इन अनमोल वाक्य को आज भी बरनाहल के बाशिदे नहीं समझ सके हैं। सालों से डार्क जोन में शामिल बरनाहल में आज भी सरकारी हैंडपंपों में सबमर्सिबल पंप डालकर धरा को खाली किया जा रहा है तो अमूल्य जल को ऐसे ही बर्बाद करने का काम भी हो रहा है।

loksabha election banner

धरा से पानी खींचने की होड़ में जिले का बरनाहल ब्लाक दो दशक पहले डार्क जोन में शामिल हो गया। इस ओर जब तक ध्यान किया तब तक देर हो चुकी थी। इसके बाद सरकारी स्तर पर कुछ प्रयास भी हुए, जो ग्रामीणों के असहयोग से परवान नहीं चढ़ सके। इसके बाद शासन ने यहां सरकारी बोरिग योजना पर रोक तो लगाई, लेकिन निजी बोरिग रोकने और बिजली कनेक्शन नहीं देने पर ठोस पहल नहीं हो सकी। इसके बाद तो यहां गांव-गांव भूजल स्तर लगातार कम होने लगा। कभी 15 फीट से पानी देने वाली बोरिग आज सौ फीट से नीचे तक चली गई हैं।

--

जलशक्ति में हुए काम

बीते साल केंद्र सरकार ने जलशक्ति अभियान शुरू किया तो इसमें बरनाहल को शामिल किया गया। प्रशासन ने यहां जागरूकता कार्यक्रम किए, रैन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम तैयार करने के अलावा सोक पिट बनवाए। जिले में इसी साल यहां सर्वाधिक तीन लाख पौधारोपण करने का काम भी हुआ। यहां केंद्रीय टीम ने कामों को देखा तो संतोष जताया। हैंडपंपों से नहीं निकलीं सबमर्सिबल पंप

बरनाहल के गांव-गांव सरकारी हैंडपंपों में ग्रामीण सबमर्सिबल पंप डालकर पानी खींचने में जुटे हैं। बीते साल अगस्त में तत्कालीन डीएम पीके उपाध्याय ने सबमर्सिबल पंप निकलवाने को कार्रवाई कराई, लेकिन अधीनस्थों की उदासीनता से यह काम परवान नहीं चढ़ सका।

-

सीडीओ भी जुटी काम में

सबमर्सिबल पंप निकलवाने को सीडीओ ईशा प्रिया खुद जुटी हैं। ऐसे ग्रामीणों को नोटिस दिए जा रहे हैं। टंकी और ड्रम में पानी भरने को समझाया जा रहा है। हैंडपंपों के पास सोक पिट बनाए जा रहे हैं।

सचिव, प्रधानों को दिए थे नोटिस

बरनाहल को डार्क ब्लाक से बाहर निकालने में जुटे अधिकारी इसके लिए जुटे हैं। बीते साल डीपीआरओ स्वामीदीन ने इस ब्लाक के 17 प्रधान और सचिवों को सबमर्सिबल नहीं निकलवाने पर नोटिस दिए थे।

बरनाहल को डार्क जोन से निकालने को जन सहभागिता जरूरी है। हैंडपंपों से सबमर्सिबल पंप निकालने को ग्रामीणों को समझाया जा रहा है। खेड़ा महान गांव में हैंडपंपों के पास सोक पिट बनवाए गए हैं। समूह की महिलाएं जागरूकता का काम कर रही हैं।

-ईशा प्रिया, मुख्य विकास अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.