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नहीं मिली धनराशि, अटक गए काम

विकास भवन में जिला योजना की बैठक में हुई। वित्तीय वर्ष समाप्त हो रहा है। कई विभागों को अब तक धनराशि नहीं मिली है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 05:20 AM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 05:20 AM (IST)
नहीं मिली धनराशि, अटक गए काम
नहीं मिली धनराशि, अटक गए काम

जासं, मैनपुरी: जिले में गत वर्ष हुई जिला योजना की बैठक में 37 विभागों ने बजट मांगा था। मंजूरी मिलने के बाद शासन के लिए भेजा गया। तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा विभाग ऐसे हैं, जिनको धनराशि नहीं मिल पाई। इससे उन विभागों में काम नहीं हो सका। अब सत्र समाप्ति की ओर है ऐसे में उनको धनराशि मिलने की उम्मीद कम है, जिससे सारे काम अटक गए हैं।

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विकास भवन में गत वर्ष जिला योजना की बैठक हुई। इसमें जिले के प्रभारी मंत्री उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत जनपद के सभी विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया था। अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग की कार्य योजना बनाकर मंत्री और जनप्रतिनिधियों के सामने रखी थीं, जिसके बाद में सदन ने विभागों के प्रस्तावों पर सहमति दी थी। इसके बाद सभी विभागों की तरफ से शासन को अपनी-अपनी फाइल भेज दी गई, लेकिन जनपद में कई विभाग ऐसे हैं, जिन्हें आज तक शासन द्वारा एक भी रुपये की राशि नहीं मिली है। ऐसे में ये विभाग केवल कार्य योजना बनाने तक ही सीमित रह गए हैं। धनराशि नहीं मिलने की वजह से विभाग द्वारा कराने वाले काम भी अटक गए हैं। अधिकारियों की मानें तो अब उन्हें धनराशि मिलने की उम्मीद नहीं है। अगर मिलती भी है, तो वे उससे कोई काम नहीं करा पाएंगे।

- धनराशि मिलती तो होता किसानों को लाभ

निजी लघु सिचाई विभाग ने जिला योजना में 693.80 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाया था। राशि मिलने पर लघु-सीमांत किसानों को निश्शुल्क बोरिग योजना का लाभ मिलता, भूजल सहेजने को काम होते। कृषि विभाग की तरफ से जिला योजना में 20 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाया गया था, जिसमें किसानों के लिए तमाम सुविधाएं दी जानी थी। धनराशि से विभाग द्वारा गोष्ठी, प्रदर्शनी भी लगाई जाती है, वहीं यंत्रों और बीजों पर अनुदान दिया जाता है।

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सीमन की होनी थी खरीदारी

पशुपालन विभाग द्वारा गत वर्ष जिला योजना की बैठक के दौरान विभाग ने 20 लाख रुपये की मांग की थी। धनराशि के मिलने के बाद विभाग द्वारा सीमन, नाइट्रोजन, चिकित्सा संबंधी उपकरण आदि की खरीदारी की जानी थीे, क्योंकि विभाग द्वारा निश्शुल्क कृत्रिम गर्भाधान किया जाना था। सीमन को सुरक्षित रखने के लिए नाइट्रोजन की खरीदारी होनी थी, लेकिन धनराशि के अभाव में ऐसा कुछ नहीं हो पाया।

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इन विभागों को नहीं मिली धनराशि

लघु एवं सीमान्त कृषकों को सहायता--417.50लाख

-पंचायती राज विभाग--764.60लाख

- निजी लघु सिचाई--693.80 लाख

- राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना- 8845.45 लाख

-परिस्थितिकी एवं पर्यावरण- 10 लाख

-ऐलोपैथिक-20 लाख

-पर्यटन-70 लाख

-प्रावधिक शिक्षा-250 लाख

जिला योजना की बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने विभागों में काम कराए जाने के लिए बनाई गई कार्य योजना को पास किया था। इसके बाद शासन को विभागों ने अपनी फाइल भेजी थी, जिसमें कुछ विभागों को धनराशि नहीं मिल सकी हैं, अगले माह कुछ उम्मीद है।

प्रशांत, डीएसटीओ


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