Move to Jagran APP

बढ़ने लगा निमोनिया, चिकित्सकों ने जारी किया अलर्ट

बचों और बुजुर्गों का ख्याल रखने की सलाह प्रतिदिन भर्ती हो रहे बचे

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 06:10 AM (IST)
बढ़ने लगा निमोनिया, चिकित्सकों ने जारी किया अलर्ट

केस एक : शहर के देवी रोड निवासी अनुष्का (पांच) पुत्री सर्वेश कुमार दो दिन से बुखार से बीमार थीं। स्वजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां जांच में मासूम को निमोनिया की शिकायत मिली। अब चिकित्सक ने स्वजन को नियमित उपचार के अलावा सर्दी से बचाव रखने की सलाह दी है।

loksabha election banner

केस दो :शहर के गोला बाजार निवासी राधिका (10) को भी बुखार से स्थिति बिगड़ने पर स्वजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां प्राथमिक जांच में बालिका को निमोनिया की शिकायत बताई गई। चिकित्सक द्वारा भर्ती करने की सलाह दी गई, लेकिन स्वजन उपचार के लिए निजी अस्पताल में ले गए। जासं, मैनपुरी : सिर्फ दो मामले ही नहीं हैं, प्रतिदिन जिला अस्पताल में बुखार और निमोनिया की समस्या से पीड़ित दो दर्जन से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या बच्चों और बुजुर्गों की है। 100 शैया अस्पताल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. डीके शाक्य का कहना है कि इन दिनों उनके पास प्रतिदिन आधा दर्जन बच्चे ऐसे आ रहे हैं जो निमोनिया से पीड़ित होते हैं। इनमें पांच साल की उम्र तक के बच्चों की संख्या ज्यादा होती है। उनका कहना है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है। ऐसे में मौसम का हमला उन्हें जल्दी अपनी चपेट में ले लेता है। बुजुर्गों को भी ज्यादा खतरा

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. जेजे राम का कहना है कि बुजुर्गों को भी सर्दियों में ज्यादा ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। सबसे ज्यादा खतरा डायबिटीज वाले मरीजों को होता है। यदि सर्दियों में डायबिटीज का लेवल बढ़ता है तो मरीज के कोमा में जाने की समस्या भी बढ़ जाती है। ऐसे मरीजों को सीवीए (सेरिब्रो वेस्कुलर एक्सीडेंट) पेशेंट कहा जाता है। असल में इस स्थिति में दिमाग में रक्त का संचार कम हो जाता है जिससे मरीज कोमा जैसी हालत में पहुंच जाता है। बुजुर्गों और डायबिटीज के मरीजों को भी सलाह दी जाती है कि वे सीधे सर्द हवाओं के संपर्क में न जाएं। इन बातों का रखें ख्याल

-रजाई से सीधे हवा के बदले हुए तापमान के संपर्क में न आएं।

- बच्चों की सांस या पसलियां तेज चलने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।

- ठंडे पानी का सेवन करने से बचें, शरीर को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़ों का इस्तेमाल करें।

- खान-पान में ठंडी तासीर वाले पदार्थों से परहेज बनाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.