महिलाओं के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत
मैनपुरी जासं शिक्षा और निर्णायक कार्यों में महिला की भागीदारी प्रमुख रूप से होनी चाहिए।
मैनपुरी, जासं: शिक्षा और निर्णायक कार्यों में महिला की भागीदारी प्रमुख रूप से होनी चाहिए। तभी यह नारी शक्ति मिशन सफलता के मुकाम पर पहुंच सकता है। हमेशा से ही देश में बड़े- बड़े निर्णयों में और सभाओं में महिलाओं की भागीदारी रही है, पर कुछ समयांतराल पर विदेशी शासन के दौरान उपजी कुरीतियों के कारण इन्हें शिक्षा, निर्णय आदि कार्यो से वंचित कर दिया गया। अब समाज को महिलाओं के प्रति नजरिया बदलने की जरूरत है।
यह बातें सीओ सिटी अभय नारायण ने कहीं। वे रविवार को सुदिति ग्लोबल एकेडमी में आयोजित मिशन शक्ति कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के अन्याय की सजा अंतिम रूप से सबसे अधिक महिला को ही भुगतनी पड़ती है। विद्यालय के अटल सभागार में विद्यालय की प्रशासनिक प्रधानाचार्य डा. कुसुम मोहन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। प्रधानाचार्य डा. राम मोहन ने अतिथियों का नारी शक्ति का बैज लगाकर स्वागत किया।
विदुषी दुबे ने कहा कि बेटियां भी पर्याप्त रूप से मां-बाप की देखरेख करने में सक्षम होती हैं। इस संदर्भ में समाज को दृष्टिकोण परिमार्जित करने की आवश्यकता है। प्राचार्य डा. रेखा कौशल ने बताया कि महिलाओं को शारीरिक शक्ति के साथ- साथ मानसिक रूप से भी मजबूत होना होगा। कार्यक्रम अध्यक्ष एकता सिंह ने कार्यक्रम की सफलता पर आभार जताया। उप प्रधानाचार्य डा. जयशंकर तिवारी, कैंपस कोआर्डिनेटर अल्का दुबे, विद्यालय की शिक्षिकाएं- छात्राएं उपस्थित रहीं।