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छल कपट करने वाला रहता है व्याकुल

पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म पर चर्चा करते हुए जैन विद्वान पं. कैलाश चन्द्र जैन अचल ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को छल कपट रुप व्यवहार नहीं करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 10:50 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 10:50 PM (IST)
छल कपट करने वाला रहता है व्याकुल
छल कपट करने वाला रहता है व्याकुल

मैनपुरी, भोगांव: पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म पर चर्चा करते हुए जैन विद्वान कैलाश चन्द्र जैन अचल ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को छल कपट का व्यवहार नहीं करना चाहिए। सदैव मन-वचन-कर्म की एकरुपता रखो तथा अपने चंचल चित्त को रोकने के लिए आर्जव धर्म का सहारा लो।

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उन्होंने कहा कि मायाचारी करने वाले व्यक्ति का मन स्थिर नहीं रहता, वह व्याकुल रहता है। ऐसा व्यक्ति सोचता कुछ है, बोलता कुछ है और करता कुछ और ही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मायाचार के परिणामों के कारण मृदुमति नाम के साधु को भी तिर्यंच गति के दुख सहने पड़े थे। फिर व्यक्ति बार-बार छल कपट कर रहा है तो उसकी दशा क्या होगी? यह स्वयं सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षमा को धारण करके ही जियो और जीने दो के सिद्धान्त पर अमल हो सकता है। इस दौरान नलिन कुमार जैन, डॉ. सुधीर जैन, डॉ. योगेश जैन, सुनील जैन, आशीष जैन, वीरचन्द्र जैन, वैभव जैन, दीपेन्द्र जैन, संजय जैन, प्रवीण जैन, अशेष जैन, राजीव जैन, प्रांजल शास्त्री आदि उपस्थित रहे।

अन्य जैन मंदिरों में भी हुई पूजा

शहर में करहल रोड स्थित बड़ा जैन मंदिर, लुहाई मोहल्ला स्थित जैन मंदिर पर सुबह पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान श्रद्धालु भी मौजूद रहे।


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