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हादसों का वाहन बने'जुगाड़'

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : केस-एक: 22 अप्रैल। शहर के लेनगंज में जुगाड़ वाहन घुस गया। बाइक पर पटरा

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 11:42 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 11:42 PM (IST)
हादसों का वाहन बने'जुगाड़'
हादसों का वाहन बने'जुगाड़'

जागरण संवाददाता, मैनपुरी :

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केस-एक: 22 अप्रैल। शहर के लेनगंज में जुगाड़ वाहन घुस गया। बाइक पर पटरा लगाकर माल ढोने के इस वाहन से लेनगंज में तीन घंटे जाम की समस्या से लोग जूझे। एक वाहन लेनगंज में किराना का सामान लादकर पहुंचा तो पीछे से दो और पहुंच गए। देखते ही देखते लंबा जाम लग गया। बाइक सवार चिल्लाते रहे लेकिन बिना सामान उतार वाहन चालक ने जुगाड़ नहीं हटाया। केस-दो- 21 मई:कचहरी रोड पर सरिया लादकर जा रहे जुगाड़ में पीछे से बाइक सवार घुस गया। नियम है कि सरिया लगे किसी भी वाहन में पीछे संकेत देने के लिए लाल रंग का कपड़ा होना चाहिए। लेकिन यहां कोई संकेतक नहीं था। बाइक सवार मुहल्ला छपट्टी निवासी दीपक शर्मा घायल हो गए। लोगों ने दीपक को अस्पताल पहुंचाया और जुगाड़ चालक की पिटाई कर दी। लेकिन पंजीकरण न होने के कारण उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकी।

केस-तीन: 25 जनवरी: कोहरे की सुबह लोहे के एंगल लादकर जा रहे जुगाड़ वाहन में पीछे से मारुति घुस गई। लोहे के एंगल ने मारुति को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। गनीमत थी कि उसमें सवार लोगों को चोट नहीं आई। बड़ी मुश्किल से मारुति में घुसे एंगल को बाहर निकाला जा सका। ये चंद उदाहरण बेखौफ दौड़ रहे जुगाड़ वाहनों से हो रहे हादसों के हैं। बाइक और स्कूटर के इंजन पर पटरों की गाड़ी। यही जुगाड़ है। न तो इसका रजिस्ट्रेशन कराना है और न ही टैक्स दिया जाता है। आए दिन जुगाड़ वाहन हादसे का शिकार भी होते हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन न होने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाती। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में हजारों की संख्या में जुगाड़ वाहन दौड़ रहे हैं। इनमें किसी भी पुराने स्कूटर या मोटर साइकिल में लकड़ी के पटरे लगाकर माल ढोने के लिए वाहन तैयार कर लिया जाता है। ये वाहन यातायात को प्रभावित तो करते ही हैं, हादसे का कारण भी बनते हैं। ज्यादातर जुगाड़ लोहे की सरिया ढोने में इस्तेमाल किए जाते हैं।

पूरी तरह से अवैध हैं जुगाड़ वाहन

जिले में दौड़ रहे जुगाड़ वाहन पूरी तरह से अवैध हैं। परिवहन विभाग इन पर कार्रवाई कर सकता है। इन पर जुर्माने का भी प्रावधान है। लेकिन इन पर कार्रवाई करने में परिवहन विभाग ने चुप्पी साध रखी है। एआरटीओ प्रवर्तन कौशलेंद्र ¨सह कहते हैं कि जुगाड़ वाहन शहर में कम हैं। जहां मिल जाते हैं, कार्रवाई की जाती है। क्या कहत हैं लोग

शहर की बाजारों में बेतरतीब दौड़ते जुगाड़ वाहन जाम का कारण बनते हैं। अक्सर इन वाहनों से हादसे होते हैं। लेकिन परिवहन विभाग ने इस ओर पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है। यही कारण है कि जुगाड़ वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। रॉकी शुक्ला,मुहल्ला सौतियाना। परिवहन विभाग को चाहिए कि वह अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करे। जुगाड़ वाहन पर कार्रवाई से अक्सर विभाग बचता है। फिर यही वाहन हादसे का कारण बन जाते हैं।

जीवन ज्योती शुक्ला, मुहल्ला मिश्राना। जब तक जिला प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं होगा, तब तक परिवहन विभाग कार्रवाई नहीं करता। बेखौफ दौड़ रहे डग्गामार वाहनों पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में वाहन चालक पूरी तरह से निरंकुश हो गए हैं?

देशदीपक, मुहल्ला कटरा। अभियान चलाकर कार्रवाई करने की जरूरत है। पूरे जिले में औसतन एक हजार से अधिक जुगाड़ वाहन दौड़ रहे हैं। जब ये अवैध हैं तो परिवहन विभाग कार्रवाई क्यों नहीं करता है।

रामू चौहान, करहल चौराहा।


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