नर कंकाल को डीएनए जांच का इंतजार
मैनपुरी : थाना घिरोर के मालखाने में रखे कंकाल को डीएनए जांच का इंतजार है। मामला अदालत में विचाराधीन है। परिजनों की मांग के बावजूद पुलिस ने डीएनए जांच कराने को जरूरी नहीं समझा।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : थाना घिरोर के मालखाने में रखे कंकाल को डीएनए जांच का इंतजार है। मामला अदालत में विचाराधीन है। परिजनों की मांग के बावजूद पुलिस ने डीएनए जांच कराने को जरूरी नहीं समझा। सिर्फ कपड़ों व बेल्ट के आधार पर ही शव की पहचान को पर्याप्त मान लिया।
थाना घिरोर क्षेत्र के गांव नगला खेरी निवासी अनुसूचित जाति के सुरेश चंद्र का पुत्र राहुल कुमार (17) 12 सितंबर 2012 को गायब हो गया था। 15 सितंबर 2012 को सुरेश चंद्र ने गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना घिरोर में दर्ज कराई थी। 20 दिन बाद बरनाहल क्षेत्र में एक युवक का शव मिलने की सूचना पर राहुल के परिजन पहुंच गए। शव पुराना होने के कारण कंकाल हो चुका था। कपड़ों व बेल्ट के आधार पर परिजनों ने शव की पहचान राहुल कुमार के रूप में की। पुलिस ने कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बाद में डीएनए जांच के लिए कंकाल को थाने के मालखाने में सुरक्षित कर लिया।
शव बरामद होने के बाद पुलिस ने छानबीन को आगे बढ़ाया तो राहुल की हत्या करने की बात सामने आई। घटना में सुभाष चंद्र निवासी नगला खेरी थाना सिरसागंज फीरोजाबाद, प्रेम¨सह, रजनीश, जयकुमार व श्याम सुंदर निवासीगण इच्छापुर बरनाहल, सुनील निवासी विरथुआ बरनाहल, राजीव निवासी नगला खेरी थाना घिरोर के शामिल होने का संदेह जताया गया। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने 24 दिसंबर 2012 को सभी अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी। मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है।
राहुल के परिजनों ने कई बार पुलिस से शव का डीएनए जांच कराने की मांग की, लेकिन पुलिस कपड़ों व बेल्ट के आधार पर हुई पहचान को पर्याप्त मानती रही। लंबा अरसा बीतने के बावजूद कंकाल को डीएनए जांच के लिए नहीं भेजा गया है। बॉक्स
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। मामले की जानकारी की जाएगी। जरूरी हुआ तो कंकाल को डीएनए जांच के लिए भेजा जाएगा।
अशोक कुमार, थानाध्यक्ष घिरोर