पहले गाढ़ी दोस्ती, फिर खूनी हो गई दुश्मनी
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: पहले जिनमें गाढ़ी दोस्ती थी, बाद में उन्हीं के बीच खून की धारा बह
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: पहले जिनमें गाढ़ी दोस्ती थी, बाद में उन्हीं के बीच खून की धारा बहने लगी। दोनों पक्षों की ओर से खूनी रंजिश की शुरुआत करीब तीन साल पहले हुई।
बिल्लू चौहान और भाजपा नेता मदन चौहान के बेटों में गाढ़ी दोस्ती थी। 27 जनवरी 2015 को शराब के नशे में हुए विवाद के बाद दबंग बिल्लू चौहान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस वारदात में मदन चौहान के साथ ही उनके बेटे शिवम, पवन और अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने जांच में मदन चौहान और उनके बेटे पवन के नाम निकाल दिए शिवम व अन्य आरोपितों को जेल भेज दिया गया। बाद में ये सभी जमानत पर बाहर आ गए। बिल्लू चौहान की हत्या के समय उसका बड़ा भाई गुड्डू चौहान भी जेल में निरुद्ध था। बिल्लू की हत्या का बदला लेने के लिए उसने जेल से ही ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया। दो लाख रुपये की सुपारी देकर बाहर से शूटर बुलाए गए थे। एक जनवरी 2017 को मदन चौहान अपने पेट्रोल पंप पर थे। तभी दो कारों से पहुंचे हमलावरों ने ताबड़तोड़ फाय¨रग कर दी थी। मदन चौहान व पेट्रोल पंप के सेल्समैन की मौत हो गई। जवाबी फाय¨रग में एक बदमाश भी घायल हो गया।
वारदात में शिवम चौहान ने मंगल ¨सह व पंचम ¨सह निवासी धारऊ कोतवाली मैनपुरी व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस समय गुड्डू चौहान इटावा की जेल में बंद था। पुलिस की जांच में गुड्डू चौहान व उसके पिता शिवनाथ की भूमिका के साक्ष्य मिले। शिवनाथ भी जेल में हैं। तब से ये खूनी रंजिश चल रही है। अभियुक्त बना रहे थे समझौते का दबाव
पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद भावना चौहान की मां रत्नेश कुमारी ने बताया कि बिल्लू की हत्या में भावना प्रभावी पैरवी कर रही थीं। मामला सुनवाई में चल रहा है। जल्द ही भावना की गवाही होने वाली थी। अभियुक्तों ने भावना पर गवाही न देने व समझौता करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। भावना समझौते के लिए तैयार नहीं थी। वह हरहालत में अपने पति के हत्यारों को सजा दिलाना चाहती थी, इसीलिए उसकी हत्या की गई है। अज्ञात जगह पर रह रही थी भावना
पति की हत्या के कुछ दिन बाद तक तो भावना अपनी ससुराल में रही। बाद में अपने मासूम पुत्र के साथ मायके आ गई। मुकदमे की पैरवी के लिए वह लगातार दीवानी आती-जाती थी। अपने मासूम पुत्र की सुरक्षा को लेकर उसे अपने मायके में छोड़ दिया। खुद शहर में किराए का घर लेकर रहने लगी थी। भावना कहां रह रही थी। इस बात की जानकारी भावना की मां को भी नहीं थी। जरूरत पर वह अपनी मां के पास आती-जाती थी। फोन पर संपर्क कर बातचीत करती थी। भावना अपने निवास को लेकर किसी को कोई जानकारी क्यों नहीं देती थी, ये रहस्य है। अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश ¨सह ने रत्नेश कुमारी से पूछताछ की, तो उन्होंने ये ही बताया कि भावना कहां रहती थी, ये बात उसने कभी किसी को नहीं बताई। भगवा रंग की शर्ट पहने था एक हमलावर
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बाइक चला रहा युवक भगवा रंग की शर्ट पहने था। बीच में बैठे हुए युवक के हाथ में पिस्टल थी। पीछे बैठे युवक के हाथ में तमंचा था। लोगों ने बताया कि घटनास्थल के पास ही एक झोलाछाप का क्लीनिक है। पिछले कुछ समय से भावना अक्सर झोलाछाप के यहां दवा लेने आती थी। गुरुवार को घटना के समय भावना एक युवती के साथ रिक्शे से रेलवे क्रॉ¨सग तक पहुंची। रिक्शे से उतरकर झोलाछाप के क्लीनिक की ओर बढ़ी, तभी उस पर हमला कर दिया गया। घटना के समय झोलाछाप का क्लीनिक बंद था।