एसआइटी बोली अभिलेख फर्जी, विवि ने बताए सही
मैनपुरी के नगला अंति में तैनात शिक्षक रवीश कुमार का मामला है। एसआइटी ने बीएससी और बीएड के अभिलेख को फर्जी बताए थे।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : एक शिक्षक की बर्खास्तगी का मामला एसआइटी और बेसिक शिक्षा विभाग के बीच अटक गया है। एसआइटी ने कुछ दिन पूर्व एक शिक्षक को बर्खास्त करने के लिए विभाग को पत्र लिखा था। जिसमें एसआइटी ने शिक्षक के अभिलेख फर्जी होने की बात लिखी थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने जब शिक्षक के अभिलेखों की जांच कराई तो विवि ने अभिलेख सही बताए। इसके बाद शिक्षक पर कार्रवाई अटक गई है।
वर्ष 2011 में रवीश कुमार की तैनाती बेसिक शिक्षा विभाग में नगला अंति की थी। तैनाती के समय रवीश कुमार ने आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) से बीएससी और बीएड के अभिलेख लगाए थे। बाद में एक जांच के दौरान एसआइटी ने वर्ष 2014 रवीश के स्नातक और बीएड के अभिलेख फर्जी बता दिए थे। अभिलेख फर्जी होने के चलते शिक्षक को निलंबित भी कर दिया गया था। तब से उसकी बर्खास्तगी अधर में लटकी हुई थी। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने जब विश्वविद्यालय को रवीश के अभिलेखों की जांच के लिए पत्र भेजा। जब पत्र का सत्यापन होकर आया तो विभागीय कर्मचारी हैरान थे। एसआइटी ने जो अभिलेख फर्जी बताए थे वे विश्वविद्यालय से सही बताए गए थे। इसके चलते अब तक कार्रवाई रुकी रही। अब बीते दिनों एक बार फिर एसआइटी ने बीएसए मैनपुरी को पत्र लिखकर शिक्षक की बर्खास्तगी करने के लिए कहा है। इस पर बीएसए ने एसआइटी को साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा है। एसआइटी को भेजे गए पत्र में पूछा गया है कि विवि ने रवीश के अभिलेख सही बताए हैं। ऐसे में उनके पास उसे बर्खास्त करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। जब तक एसआइटी साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराती है, तब तक बर्खास्तगी मुमकिन नहीं होगी। आखिर कैसे हो गया सत्यापन
अगर एसआइटी द्वारा शिक्षक के अभिलेख फर्जी बताए जाने पर विश्वास करें तो एक सवाल विवि प्रशासन भी खड़ा हो जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने पंजीकृत डाक से रवीश कुमार के अभिलेख सत्यापन के लिए आगरा विवि को भेजे थे। अगर उसके अभिलेख फर्जी हैं तो वे सत्यापित कैसे हो गए। क्या सत्यापन पत्र विवि द्वारा भेजा गया था या इसमें कुछ गड़बड़ी की गई थी।
अधिकारी कहिन
बिना साक्ष्यों के आधार पर किसी भी शिक्षक की सेवा समाप्त नहीं की जा सकती है। एसआइटी को साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है। अगर साक्ष्य मिल जाते हैं तो शिक्षक को बर्खास्त कर दिया जाएगा।
विजय प्रताप ¨सह, बीएसए, मैनपुरी।