आधार कार्ड बनवाने का काम अधर में
आम जन को राहत देने के लिए डाकघरों में आधार पंजीकरण केंद्र खोले गए थे। लेकिन अधिकांश डाकघरों में आधार पंजीकरण मशीनें खराब पड़ी हुई हैं। जिससे जनता अधर में लटकी हुई है। प्राइवेट आधार पंजीकरण केंद्र बंद होने के बाद अब डाकघर ही लोगों के लिए एकमात्र सहारा हैं, लेकिन यहां भी जब लोगों को मायूसी हाथ लगती है तो वे व्यवस्था को कोसते नजर आते हैं।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी : आमजन को राहत देने के लिए डाकघरों में आधार पंजीकरण केंद्र खोले गए थे। लेकिन अधिकांश डाकघरों में आधार पंजीकरण मशीनें खराब पड़ी हुई हैं, जिससे जनता अधर में लटकी हुई है।
शनिवार को गांव कछपुरा निवासी राधामोहन शाक्य अपना आधार कार्ड बनवाने के लिए शहर के जेल चौराहा स्थित प्रधान डाकघर आए थे। जब उन्होंने कर्मचारियों से पूछा कि क्या आज आधार पंजीकरण बन रहे हैं तो कर्मचारियों ने मशीन खराब होने की बात कही। जब 'जागरण' ने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि वे पिछले एक माह में तीन बार आधार कार्ड बनवाने के लिए यहां आ चुके हैं। जब भी वे यहां आते हैं, तब ही मशीन खराब मिलती है। आखिरी बार 21 अगस्त को यहां आए थे, तब भी मशीन खराब थी। आज आए हैं तो भी मना कर दिया गया। पेंशन के लिए उन्हें आधार कार्ड देना है, लेकिन आधार न बन पाने से मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
शहर की ही अगर बात करें तो जेल चौराहा स्थित प्रधान डाकघर और तांगा स्टैंड स्थित डाकघर दोनों ही जगह आधार पंजीकरण मशीनें खराब पड़ी हुई हैं। यहां आने वाले लोगों और कर्मचारियों के बीच रोजाना इसी बात को लेकर कहासुनी भी होती है। पिछले दिनों सरकार ने सख्ती करते हुए सभी प्राइवेट आधार पंजीकरण केंद्र बंद कर दिए थे। इनके द्वारा आधार पंजीकरण और संशोधन के नाम पर अंधाधुंध वसूली की जा रही थी। ये दुकानदार प्रत्येक व्यक्ति से आधार कार्ड बनवाने और संशोधन कराने का सौ रुपये लेते थे। जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने इन केंद्रों पर शिकंजा सकने के साथ ही डाकघरों में ये सुविधा शुरू की थी। शहर के अलावा भोगांव, बेवर, कुरावली और करहल के डाकघरों में भी आधार नहीं बन रहे हैं।