दो महिलाओं की चोटी कटी, दहशत बरकरार
जेएनएन, मैनपुरी: जिले में महिलाओं की चोटी कटने की घटनाएं थम नहीं रहीं। बेवर में एक मि
जेएनएन, मैनपुरी: जिले में महिलाओं की चोटी कटने की घटनाएं थम नहीं रहीं। बेवर में एक महिला की सुबह चोटी कट गई। जमीन पर कटी पड़ी चोटी पर महिला की नजर गई तो उसकी हालत बिगड़ गई। बेहोशी की हालत में महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर, करहल में भी एक महिला की सोते समय बालों की चोटी कट गई। चोटी कटने की घटनाओं के बाद ग्रामीण इलाकों में दहशत फैल गई है। गांवों में घरों के बाहर टोटके के रूप में नींबू और मिर्च लटकाए गए हैं।
बेवर: गांव नगला केहरी निवासी विमलेश कुमार की पत्नी रीना बाथम सोमवार सुबह सात बजे घर के काम कर रही थीं। अचानक उन्हें बालों की चोटी दरवाजे पर कटी दिखी। ये देखते ही वह बेहोश हो गईं। आसपास के लोगों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। गांव में अनहोनी की आशंका से लोगों ने दरवाजे पर नींबू और हरी मिर्च लटका दी। कई महिलाओं ने पैर में काला धागा बंध लिया है।
करहल: कंझरा गांव में दिनेश चंद्र की पत्नी सुहागा देवी रात में घर में सो रही थीं, अचानक उन्होंने कोई सपना देखा और आंख खुल गई। उनको चोटी के बाल चारपाई पर कटे मिले। इससे घर में खलबली मच गई। आसपास के लोग भी रात में ही पहुंच गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की।
जोगी और भगत की शरण में पहुंच रहे लोग
मैनपुरी: चोटी कटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। प्रशासन इसे अफवाह और मन का भ्रम बताकर लोगों को समझाने का प्रयास कर रहा है। मगर, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इंसानी आस्था को भुनाकर अपना कारोबार चला रहे हैं। चोटी कांड से झाड़-फूंक करने वालों की दुकान जमकर चल रही है। कोई जोगी की शरण में जा रहा है तो कोई भगत की।
चोटी कटवा का खौफ जिले के ग्रामीण इलाकों में साफ दिख रहा है। महिलाएं खौफ में हैं। अनजान आफत से बचने को लोग तरह-तरह के टोटकों का सहारा भी ले रहे हैं। लोगों के दिलों में पल रहे खौफ को भुनाने में भी लोग पीछे नहीं हैं। जोगी, बाबा, फकीर और भगत के अलावा लोग तांत्रिकों की शरण में भी पहुंच रहे हैं। अनजान आफत कहीं उनकी चोटी न काट ले, इसके लिए मदद मांग रहे हैं। लोगों के भय को देखते हुए अब तांत्रिकों और बाबा ने भी कमाई का जरिया तलाश लिया है।
कोई घर में होम-हवन कराने की सलाह दे रहा है तो किसी ने अंगूठी बेचकर आफत से दूर रहने की सलाह दी है। शहर के दीवानी मोड़ पर तो बाकायदा नीम की पत्तियों से झाड़-फूंक कर बुरी आफत को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में अब महिलाओं ने घर के बाहर चौखटों पर हल्दी और आल्ता से हथेलियों के निशान बना रखे हैं। ज्यादातर महिलाएं तो बालों को खुला रखने से ही बच रही हैं। जूड़ा लगाकर बालों की सुरक्षा की जा रही है।