दीवाली से दूधिया रोशनी में नहाएगा शहर
शहर की वर्षों पुरानी व्यवस्था को बदलने की कवायद शुरू हो गई है। सड़कों पर लगीं ज्यादा खपत वाली सोडियम और हाईमास्ट लाइटों को हटवाकर एलईडी लाइटें लगवाई जाएंगी। इससे न सिर्फ हजारों वॉट बिजली की बचत होगी बल्कि पालिका के सरकारी खजाने पर धनराशि का बोझ भी घटेगा।
जासं, मैनपुरी: शहर की स्ट्रीट लाइट में व्यापक बदलाव किया जा रहा है। हेलोजन और मरकरी के उच्च क्षमता वाले बल्ब हटाकर एलईडी लाइट लगाई जा रही हैं। दीवाली तक ये काम पूरा होते ही हर शाम शहर दूधिया रंग की रोशनी में नहाएगा।
शहर में इस समय सोडियम, हेलोजन और हाईमास्ट लाइटों से रोशनी हो रही है। इसमें बिजली की खपत तो ज्यादा होती ही है, पालिका को लगभग 20 से 22 लाख रुपये त्रैमासिक बिजली बिल भुगतान करना पड़ता है। इनके स्थान पर अब एलईडी लाइट लगाई जा रही हैं। शहर को दूधिया रोशनी से सराबोर करने को पालिका ने ईएसएल कंपनी से सात वर्षों का करार किया है। स्ट्रीट लाइट पर एक नजर
कुल लाइटें - 4823
सोडियम और सीएफएल - 3873
एलईडी - 930
सोलर - 800
हाईमास्ट - 60 बहुत बचेगी बिजली
पालिका के प्रकाश निरीक्षक राजनारायण ¨सह चौहान ने बताया कि वर्तमान में 70 से 250 वॉट वाली लगभग डेढ़ हजार सोडियम लाइटें, 400 वॉट वाली 60 हाईमास्ट लाइटें, 27, 45 और 85 वॉट की लगभग दो हजार सीएफएल के अलावा 40 वॉट की लगभग 150 ट्यूबलाइटें लगी हैं। इनके स्थान पर 35 और 110 वॉट क्षमता वाली एलईडी लाइटें लगवाई जा रही हैं। जाहिर है कि इस बदलाव से बिजली की व्यापक बचत होगी। अधिकारी कहिन
हमारा प्रयास है कि दीवाली तक लाइटों को बदलने का काम पूरा करा लिया जाए। एलईडी लगने से बिजली पर खर्च से बची धनराशि को दूसरे विकास कार्यों को उपयोग किया जा सकेगा।
मनोज रस्तोगी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद